भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर माखनपुरम में शुक्रवार, 15 सितम्बर को दीक्षांत समारोह एवं नवीन परिसर का लोकार्पण हो रहा है। एमसीयू का यह चतुर्थ दीक्षांत समारोह है, जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल होंगे। समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल भी उपस्थित रहेंगे। यह जानकारी बुधवार को विश्वविद्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कुलपति प्रो. केजी सुरेश दी। उन्होंने बताया कि दीक्षांत समारोह में जून 2018 से दिसंबर 2022 के उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की जाएगी, जिसमें स्नातकोत्तर एवं पीएचडी के 23 विद्यार्थियों सहित लगभग साढ़े चार सौ विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की जाएगी। प्रो. सुरेश ने बताया कि दीक्षांत समारोह लंबे समय से लंबित था एवं बीच में कोरोना काल के कारण नहीं हो पाया था, लेकिन अब विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित माखनपुरम परिसर के गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में 15 सितम्बर को यह आयोजन होने जा रहा है।
उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के अपने स्वयं के माखनपुरम परिसर में आयोजित किया जा रहा है। प्रो. सुरेश ने विश्वविद्यालय के नवीन परिसर के बारे में बताया कि दादा माखनलाल चतुर्वेदी की पुण्याई है कि दो कमरों से शुरू हुए इस विश्वविद्यालय के भोपाल सहित पांच परिसर हैं। विश्वविद्यालय के सोलह सौ अध्ययन केंद्र हैं। जिनमें लगभग दो लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। बिशनखेड़ी के पास पचास एकड़ में विश्वविद्यालय का माखनपुरम परिसर बसा हुआ है। जिसमें दो अकादमिक भवन तक्षशिला एवं विक्रमशिला हैं। विश्वविद्यालय के चार-चार मंजिला भव्य इन दो ब्लॉक में कुल दस विभाग संचालित होते हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश फिल्म फ्रैंडली राज्य के रुप में भी स्थापित हो चुका है एवं भोपाल में कई फिल्मों एवं धारावाहिकों की लगातार शूटिंग होती रहती है। यहां बहुत प्रतिभाशाली युवा एवं कलाकार हैं। इसी साल विश्वविद्यालय द्वारा एक नया विभाग सिनेमा अध्ययन विभाग शुरु किया गया है। इस विभाग के खुलते ही कई सारे बड़े कलाकार भी विश्वविद्यालय में कई सेमीनार, व्याख्यान के लिए आ चुके हैं। जिसमें केरला स्टोरी की पूरी स्टार कॉस्ट भी हमारे विद्यार्थियों के बीच आ चुकी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत भारतीय भाषा विभाग की भी स्थापना की गई है। परिसर में ही एक बड़े भवन में नालंदा पुस्तकालय है, जो कि केंद्रीय पुस्तकालय है, जिसमें 42 हजार से ज्यादा पत्रकारिता, मीडिया, जनसंचार, प्रबंधन, विज्ञापन, जनसंपर्क, कम्प्यूटर आदि अन्य विषयों की महत्वपूर्ण पुस्तकें है। साथ ही हर विभाग की अपनी लाईब्रेरी भी है । हर विभाग का अपना सभागार एवं कांफ्रेस हॉल भी है।
प्रो. सुरेश ने बताया कि बड़े आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के पास विख्यात पत्रकार, संपादक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी के नाम से एक बड़ा सभागार भी है। जिसमें एक साथ लगभग साढ़े आठ सौ से अधिक लोग बैठ सकते हैं। इस साल भोपाल में आयोजित हुए तीन दिवसीय राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन भी इसी परिसर एवं इसी सभागार में आयोजित हुआ था। जिसमें फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार समेत फिल्मी दुनिया की कई बड़ी हस्तियां आई हुई थीं। इसी सभागार के एकदम पीछे की ओर लगभग साढे़ चार सौ की बैठक व्यवस्था वाला स्वर सम्राट तानसेन के नाम से तानसेन मुक्ताकाश मंच भी है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के 32 सालों के इतिहास में विगत माह 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) का दिन बहुत ही ऐतिहासिक था, जब विश्वविद्यालय के स्वयं के माखनपुरम परिसर में रेडियो कर्मवीर का उद्घाटन हुआ। विद्यार्थी पठन-पाठन मन लगाकर कर सकें इसके लिए परिसर में ही भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से बालक छात्रावास एवं पुण्य सलिला मां नर्मदा के नाम से बालिका छात्रावास भी है। वहीं विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बालक एवं बालिका दोनों ही छात्रावासों में अत्याधुनिक उपकरणों से युक्त जिम की सुविधा भी प्रदान की गई है। योग एवं ध्यान के लिए परिसर में सांदीपनि ध्यान केंद्र बनाया गया है।
प्रो. सुरेश ने बताया कि अतिथियों के लिए सर्वसुविधायुक्त भगवान बिरसा मुण्डा अतिथि गृह बनाया गया है। वहीं संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के नाम से ट्रांजिट हॉस्टल भी बनाया गया है। माखनपुरम परिसर में ही प्रोफेसर्स, अधिकारी, कर्मचारियों के लिए आवास की सुविधा भी है। परिसर में असम के महान वीर लचित बोरफुकन के नाम से क्लब हाउस, स्वीमिंग पूल, जिम आदि की सुविधा भी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय देश का पहला मीडिया विश्ववि्द्यालय है, जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को अपने विश्वविद्यालय में सबसे पहले लागू किया था।