भोपाल | सागर जिले में सौ करोड़ की लागत से बनने वाले संत रविदास मंदिर के लिए एक मुठ्ठी अन्न, मिट्टी और जल लाने के लिए बीजेपी ने आज से संत रविदास समरसता यात्रा शुरू की है। प्रदेश के पांच स्थानों से शुरू होने वाली यात्रा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिंगरौली से ध्वज दिखाकर रवाना करेंगे जो 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी। इसके लिए पार्टी ने जिलों में व्यापक तैयारियों की हैं और टोली बनाकर अलग-अलग स्थानों से पहुंचने वाली यात्रा का स्वागत करने का फैसला किया है।
समरसता यात्रा को जो अन्य नेता ध्वज दिखाकर रवाना करेंगे उनमें आधा दर्जन अन्य राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेताओं के भी नाम शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री एवं चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर श्योपुर से, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय धार जिले के मांडव से, मंत्री भूपेन्द्र सिंह बालाघाट से एवं अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य व मंत्री ऊषा ठाकुर नीमच से समरसता यात्राओं को ध्वज दिखाकर रवाना करेंगी।
जनअभियान परिषद के संयोजन में निकलने वाली यह यात्राएं प्रदेश के 55 हजार गांवों से सांकेतिक रूप से मिट्टी और एक मुट्ठी अन्न के साथ पवित्र नदियों और जलाशयों का जल एकत्र करते हुए सागर पहुंचेंगी। इसके बाद 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में संत रविदास के भव्य मंदिर का शिलान्यास होगा। यात्रा में एकत्रित मिट्टी और जल का उपयोग मंदिर निर्माण में होगा। यह यात्राएं प्रदेश में संत रविदास के सामाजिक समरसता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएंगी। यात्राओं शामिल रथों में संत रविदास महाराज का चित्र, चरण-पादुका और कलश रहेगा। यात्रा के लिए प्रदेश स्तर पर 21 लोगों की टोली बनाई गई है। इसी प्रकार जिला, विधानसभा और मंडलों में भी यात्रा के सफल संचालन हेतु टोलियां बनी हैं।
मुख्यमंत्री चौहान आज सिंगरौली में समरसता यात्रा को हरी झंडी दिखाने के बाद रात में वहीं रुकेंगे और जनसेवा मित्रों तथा जन अभियान परिषद के नवांकुर प्रस्फुटन समिति के सदस्यों से संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान कल एनटीपीसी के मैत्री सभागार में लाड़ली बहना सेना के सदस्यों से संवाद करेंगे। इसके बाद वे सिंगरौली से सरई पहुंचेंगे। सरई में मुख्यमंत्री चौहान मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना के एक लाख हितग्राहियों को बोनस के साथ जूते, चप्पल और बाटल वितरित करेंगे। मुख्यमंत्री 672 करोड़ रुपए की लागत की रिहंद माइक्रो सिंचाई परियोजना तथा अन्य निर्माण कार्यों का शिलान्यास करने के बाद जबलपुर होकर भोपाल लौटेंगे।