Ujjain उज्जैन : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी पत्नी सीमा यादव के साथ सोमवार को सोमवती अमावस्या के अवसर पर उज्जैन जिले में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या पर बाबा महाकाल ( भगवान शिव ) की पूजा-अर्चना करने से सभी सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर दूर-दूर से लोग यहां पूजा-अर्चना करने आए हैं। मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना करने के बाद सीएम नंदी हॉल में बैठे और भक्ति में लीन नजर आए। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने सीएम यादव को शॉल और प्रसाद का पैकेट और बाबा महाकाल का चित्र भेंट कर सम्मानित किया ।
मुख्यमंत्री ने महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित श्री वृद्ध कालेश्वर (पुराने महाकालेश्वर) मंदिर और श्री अनादि कल्पेश्वर मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। इससे पहले सुबह परंपरा के अनुसार भस्म आरती भी की गई। भस्म आरती (भस्म चढ़ाना) यहां की प्रसिद्ध रस्म है। यह सुबह करीब साढ़े तीन से साढ़े पांच बजे के बीच ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भस्म आरती में शामिल होने वाले भक्त की मनोकामना पूरी होती है।
मंदिर के पुजारी के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में बाबा महाकाल के पट खोले गए और उसके बाद भगवान महाकाल को दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से पंचामृत स्नान कराया गया। उसके बाद भांग और चंदन से बाबा महाकाल का श्रृंगार किया गया और फिर वस्त्र पहनाए गए। इसके अलावा सावन-भादो माह में प्रत्येक सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है। इसलिए आज भादो माह का दूसरा सोमवार होने से बाबा महाकाल की सवारी भी शाम को निकाली जाएगी। मान्यता है कि जनता का हालचाल जानने के लिए बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। सवारी देखने के लिए भक्त भी सड़क किनारे घंटों इंतजार करते हैं और बाबा महाकाल के दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं। (एएनआई)