मध्य प्रदेश का नाम पूरे देश में रोशन कर रही आठ पदक जितने वाली 'कावेरी'
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भोपाल, मध्य प्रदेश की उभरती कैनोइंग खिलाड़ी कावेरी ने भोपाल में पिछले दिनों आयोजित 32वीं राष्ट्रीय कैनो स्प्रिंट प्रतियोगिता में पांच स्वर्ण, दो रजत व एक कांस्य सहित आठ पदक जीतकर आने वाली 24-27 मार्च को थाईलैंड में आयोजित होने वाली एशियन चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। बचपन में जब कावेरी ढीमर मप्र के खंडवा स्थित इंदिरा सागर डैम पुनासा में मछलियों संग अठखेलियां करती थी, तब उसे भी यह नहीं पता था कि यह हुनर उसे स्वर्णपरी बना देगा।
मालूम हो कि नर्मदा की लहरों ने उसे इस तरह तराशा कि आज 17 वर्ष की उम्र में वह मध्य प्रदेश का नाम पूरे देश में रोशन कर रही है। अब न तो उसके पिता को मछली बेचने की जरूरत है और न ही कावेरी की बहनों को। जानकरी हो कि कावेरी के दादा सीहोर जिले के मंडी गांव में रहते हैं। काम की तलाश में उनके पिता खंडवा जिला के इंदिरा सागर डैम पुनासा चले गए थे। यहां उनके पिता मछली पकड़कर परिवार का भरण- पोषण करते थे। यहीं पिता के साथ मछली पकड़ते हुए कावेरी कुशल तैराक बनीं। 2015 में कावेरी के पिता वापस सीहोर आ गए। इसी दौरान पिता पर कर्ज हो गया था। कर्ज उतारने के लिए वह पिता के साथ मछली बेचने में सहयोग करने लगी।
मप्र वाटर स्पोर्ट्स अकादमी की सबसे बड़ी उम्मीद बन चुकीं कावेरी ने कहा कि भोपाल में मुझे नई दिशा मिली। यहां प्रशिक्षण की विश्वस्तरीय सुविधाएं हैं। अब मैं थाईलैंड में आयोजित होने वाली एशियन चैंपियनशिप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना चाहती हूं। कावेरी हरफनमौला खिलाड़ी है। वह 2000 मी., 1000 मी., 500 मी., 200 मी. के सी-वन और सी-टू इवेंट में हिस्सा लेती हैं। राष्ट्रीय चैपिंयनशिप में इसी रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन के आधार पर उनको भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। सीहोर आने के बाद 2017 में आयोजित मप्र खेल अकादमी के टैलेंट सर्च में कैनोइंग खेल में कावेरी का चयन हुआ। कावेरी ने लगातार मेहनत की और मप्र को पदक दिलाए। पिछले तीन साल से कावेरी नेशनल चैंपियन हैं। वह टोक्यो ओलंपिक और एशियन खेलों के लिए भी क्वालीफाई कर चुकी हैं।
जानकारी हो कि पिछले साल हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में आयोजित 31वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कावेरी ने सात स्वर्ण पदक जीतकर कीर्तिमान रचा था। उन्हें इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 लाख रुपये की सम्मान निधि प्रदान की है।