पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2013 का मामला, अदालत ने सुनाई सजा

विशेष अदालत का फैसला

Update: 2024-02-21 07:06 GMT

भोपाल: व्यापमं द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा -2013 में फर्जी तरीके से भर्ती हुए पांच उम्मीदवारों और दो प्रतिरुपक को सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को सात-सात साल कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा का फैसला विशेष न्यायाधीश एडीजे नीतिराज सिंह सिसोदिया की कोर्ट ने सुनाया है।

सीबीआई के लोक अभियोजक सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि व्यापमं द्वारा वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा (प्रथम) 7 अप्रैल 2013 को आयोजित की गई थी। जिसमें 5 उम्मीदवारों मुकेश रावत, अजब सिंह, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी एवं आशीष शर्मा ने अपने स्थान पर अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बैठाकर लिखित परीक्षा पास की थी। अन्य व्यक्तियों को दलालों से मिलीभगत कर बैठाया गया था।

परीक्षा में मुकेश रावत के स्थान पर सुनील श्रीवास्तव, अजब सिंह के स्थान पर अवधेश गोस्वामी, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी और आशीष शर्मा के स्थान पर अज्ञात व्यक्तियों ने परीक्षा दी थी। परिणाम स्वरूप उक्त पांचों उम्मीदवार पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 प्रथम में पास हो गए थे।

मंगलवार को विशेष अदालत ने 75 गवाहों, लगभग 410 दस्तावेजों और कई आर्टिकल्स के आधार पर 5 अभ्यर्थियों मुकेश रावत, अजब सिंह, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी, आशीष शर्मा, 2 प्रति रूपकों सुनील श्रीवास्तव एवं अवधेश गोस्वामी को सात-सात कारावास की सजा सुनाई है। सजा के साथ 10-10 हजार रुपए अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।

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