Indore में भिखारी को भीख देने पर मोटर चालक पर मामला दर्ज

Update: 2025-02-04 09:03 GMT
Indore इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक भिखारी को 10 रुपए देने के आरोप में एक वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इंदौर में प्रशासन ने भीख मांगने और दान देने पर प्रतिबंध लगा रखा है। एक अधिकारी ने बताया कि शहर में एक पखवाड़े के भीतर इस तरह का यह दूसरा मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि लसूड़िया थाना क्षेत्र में सोमवार को मंदिर के सामने बैठे एक भिखारी को 10 रुपए की भीख देने वाले एक अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्रशासन की भिक्षावृत्ति उन्मूलन टीम के एक अधिकारी की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। बीएनएस की धारा 223 के तहत दोषी को एक साल तक की कैद या 5,000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इंदौर को देश का पहला भिखारी मुक्त शहर बनाने का लक्ष्य तय करने वाले प्रशासन ने भीख मांगने, भीख देने और भिखारियों से कोई भी सामान खरीदने पर कानूनी प्रतिबंध लगा दिया है।
इससे पहले 23 जनवरी को खंडवा रोड स्थित एक मंदिर के सामने भिखारी को भीख देने वाले एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
पीटीआई से बातचीत में प्रशासन की भिक्षावृत्ति उन्मूलन टीम के एक अधिकारी फूल सिंह ने बताया, "पिछले छह महीनों में शहर में भीख मांगने वाले 600 से अधिक लोगों को पुनर्वास के लिए आश्रय गृहों में भेजा गया है। करीब 100 बच्चों को बाल देखभाल संस्थानों में भेजा गया।" उन्होंने बताया कि इनमें से कई लोग ट्रैफिक सिग्नल पर गुब्बारे और अन्य छोटी-मोटी चीजें बेचने के बहाने भीख मांग रहे थे। प्रशासन ने शहर में भीख मांगने वालों के बारे में सूचना देने वाले लोगों को 1,000 रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है।केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए पायलट परियोजना शुरू की है।
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