इंदौर न्यूज़: बेतरतीब विकास और भोपाल में अफसरों द्वारा बंद कमरे में बैठकर मास्टर प्लान में सुविधाएं तय करने का सही उदाहरण नायता मुंडला बस स्टैंड है. मास्टर प्लान में शहर के चारोँ ओर बस स्टैंड प्लान किए गए. दिशा देखकर नक्शे पर चिन्हित कर दिया, निर्माण एजेंसी ने 10 करोड़ खर्च करके इसे बना भी दिया. लेकिन, मजेदार बात यह है कि योजनाकारों ने यात्रियों की सुविधा के बारे में जरा सा भी नहीं सोचा. यात्री यहां आने और अपने घर कैसे जाएंगे?
पहली अप्रोच बायपास देवगुराड़िया से नेमावर रोड होकर आरई-2 से बस स्टैंड की ओर. नेमावर रोड व आरई-2 क्रॉसिंग से तीन इमली-नौलखा की ओर. इसको मुख्य अप्रोच बना रहे हैं. इससे खंडवा, खरगोन, बड़वानी, हरदा की ओर से आने-जाने वाली बसें बस स्टैंड तक आएंगी.
दूसरी एप्रोच बायपास से नायता मुंडला गांव में होते हुए आरई-2 व बस स्टैंड तक. यह बहुत सकरी है.
तीसरी एप्रोच पालदा चौराहे से बायपास को मिलाने वाली 18 मीटर की मास्टर प्लान सड़क है. इसे बनाने के लिए सीमांकन कर अतिक्रमण हटाना होगा. शुरुआत में ही परेशानी है. यह सड़क यात्रियों को शहर की ओर आवाजाही के लिए उपयोगी होगी.