बाइक पर सवार होकर जा रहे थे परीक्षा देने, भाई की मौत बहन गंभीर

Update: 2024-05-21 07:33 GMT
दमोह : मध्य प्रदेश के दमोह में रुक जाना नहीं योजना के तहत जबेरा तहसील के पौंडी गांव से कक्षा दसवीं की परीक्षा देने के लिए बहन को परीक्षा केंद्र छोड़ने जा रहे चचेरे भाई की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। अब तक यह पता नहीं चल सका है कि उनकी बाइक को अभाना के पास किस वाहन ने टक्कर मारी है। हादसे के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां सिर्फ भाई-बहन ही थे। बहन का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
जबेरा विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों से 70 से 80 किलोमीटर की दूरी तय कर बच्चे परीक्षा देने दमोह पहुंच रहे हैं। मंगलवार सुबह यह हादसा हुआ। मंत्री धर्मेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में एक भी परीक्षा केंद्र नहीं होने से बच्चों को परेशानी हो रही है। भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी राहुल सिंह के गृह नगर हिंडोरिया में परीक्षा केंद्र बनाया गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि परीक्षा में जबेरा विधानसभा के साथ भेदभाव होता रहा है। स्थानीय नेता और राज्य मंत्री कुछ नहीं कर पाए। नोहटा थाना प्रभारी अरविंद सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर जब पुलिस और 108 पहुंची, उस समय केवल घायल युवक और उसकी बहन थी। टक्कर कैसे लगी इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। मौजूद लोगो से भी पूछताछ की गई है। मृतक युवक और घायल छात्रा को जिला अस्पताल भेजा गया था, जहां छात्रा का उपचार चल रहा है। पुलिस वाहन की खोजबीन में लगी हुई है।
70 किमी दूर से बहन को लेकर आ रहा था भाई
जबेरा तहसील के पौड़ी गांव निवासी शिवम पिता लखन चौधरी, 20 वर्ष, अपनी चचेरी बहन मोहनी पिता राजेश चौधरी, 19 वर्ष, को रुक जाना नहीं योजना के तहत कक्षा 10 की परीक्षा देने 70 किमी दूर से दमोह आ रहा था। नोहटा थाना के अभाना गांव के समीप बाइक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। शिवम की मौके पर ही मौत हो गई। गांव में कोई आवागमन के साधन न होने के चलते वह अपनी बहन को बाइक से लेकर समय पर परीक्षा केंद्र के लिए निकला था। दोनों भाई-बहन के पिता गांव में नहीं हैं बल्कि मजदूरी करने हरियाणा गए हैं। घर में कोई बड़ा व्यक्ति न होने की वजह से चचेरा भाई मोहनी को लेकर आ रहा था।
परेशानियों का सामना कर रहे छात्र
तेंदूखेड़ा और जबेरा ब्लाक के सैकड़ों छात्र इसी तरह सुबह से अनेक परेशानियों का सामना करके दमोह पहुंचे। छात्रों का आरोप है कि तेंदूखेड़ा और जबेरा के उन गांव से हम लोग परीक्षा देने जा रहे है, जहां से परीक्षा केंद्र की दूरी 70 से 80 किलोमीटर है। तेंदूखेड़ा और जबेरा ऐसे ब्लॉक हैं, जो जिले से काफी दूर हैं। इन ब्लॉक में आने वाले दर्जनों गांव में आज भी आवागमन सुविधा नहीं है। छात्र-छात्राओं ने इसका विरोध भी किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। परीक्षा कराने बाली संस्था के संचालक का कहना है कि रुक जाना नहीं योजना के तहत परीक्षा जिला स्तर पर होती है। हालांकि, यह बात अलग है कि जिले के ही हिंडोरिया और बांसा तारखेड़ा में भी परीक्षा केंद्र बने हैं।
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