कहीं से भी खरीद सकते हैं किताबें व यूनिफॉर्म, कम से कम तीन दुकानों से मिलेंगी पुस्तकें
भोपाल न्यूज़: प्राइवेट स्कूल संचालकों को अपने यहां नोटिस बोर्ड पर लिखना होगा कि अभिभावक किताबें कहीं से भी खरीद सकते हैं. इसके लिए उन्हें कम से कम तीन स्थानों पर किताबें और यूनिफॉर्म की व्यवस्था करनी होगी. किसी एक दुकान की मोनोपॉली खत्म करने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने धारा 144 के तहत एक और आदेश जारी किया है. स्कूल किसी भी सामान जैसे यूनीफार्म, टाई, जूते कॉपियां आदि पर कहीं भी स्कूल का नाम नहीं लिख सकेगा. कलेक्टर का ये आदेश एमपी बोर्ड, सीबीएसई ,आईसीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों पर लागू है. वहीं पुस्तकों की सूची तथा स्कूल यूनिफार्म विक्रेताओं की सूची स्कूल के सूचना पटल पर लगाना होगा. हर स्कूल प्रबंधक/ प्राचार्य अपने स्कूल में प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों एवं स्कूल यूनिफार्म कम से कम दो दुकानों पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. इसकी जानकारी नोटिस बोर्ड और शिक्षा विभाग की वेबसाइट deobho- mp@nic. in पर भेजना अनिवार्य है. आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ एसडीएम जांच कर कार्रवाई करेंगे.
50 अव्वल छात्राओं की मैनिट में होगी पढ़ाई
प्रदेश के सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों की 50 अव्वल छात्राओं को मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (एमएएनआइटी) मैनिट भोपाल में अंतिम वर्ष की पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा. छात्राओं की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है. 50 छात्राओं का तृतीय वर्ष के परीक्षा परिणाम के आधार पर चयन किया जा रहा है. इनकी अंतिम वर्ष की पढ़ाई मैनिट भोपाल में कराई जाएगी. इसी तरह मैनिट के चयनित विद्यार्थियों को आइआइटी दिल्ली में पढ़ने का अवसर भी मिलेगा. छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने यह नवाचार किया है. मैनिट में पढ़ाई के दौरान केवल हास्टल फीस लगेगी. बी टेक की छात्राएं सात एवं आठ सेमेस्टर और बी आर्किटेक्चर की छात्राएं नौ एवं दस सेमेस्टर (अंतिम वर्ष) की पढ़ाई मैनिट में करेंगी.