भोपाल : परिषद की बैठक में नहीं बोले जायेंगे अमर्यादित 838 शब्द

Update: 2023-10-06 10:02 GMT
भोपाल नगर निगम परिषद में 838 शब्दों का चयन कर उन पर पाबंदी लगा दी गई है। अब परिषद की बैठक में सदस्य चर्चा के दौरान इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशंन सूर्यवंशी ने यह पहल की है। परिषद की बैठक में अमर्यादित शब्दों को हटाने के लिए एक पूरी शब्दावली बनाई गई है। भोपाल नगर निगम परिषद अमर्यादित शब्दों का चयन कर पाबंदी लगाने वाली देश की पहली नगर निगम परिषद बन गई है। अगर कोई इन शब्दों का उपयोग सदन के दौरान करता है तो उसे प्रोसेडिंग का हिस्सा नहीं माना जाएगा।
 इन शब्दों पर लगाई रोक
ससुर, गंदी सूरत, 420, धोबी के कुत्ते की तरह, चिल्लर चिल्लर, उल्लू का पठ्ठा, भैंस के आगे बीन बजाए, सदन में किसी परंपरा का लिहाज नहीं किया जा रहा है, नीच आत्मा, सदस्य क्या बकवास किया करते हैं, बुद्धि मारी गई है, किसी सदस्य की पत्नी का अनावश्यक उल्लेख, एक ही थैली के चट्टे बट्टे, मूर्ख, भांग पीकर श्रीमान यहां आते हैं, होश हवास दुरुस्त रखना, होश हवास भूलना, होश हवास में ना रहना, झूठ, असत्य, झूठा, इतना भ्रष्ट बना दिया, महापौर आप इस तरह जवाब देती हैं कि ऐसा लगता जैसे हिल स्टेशन से लौट रही हैं, मुझे असत्य भाषी मान लीजिए, असभ्य, बेशर्म, गरीब सदस्य बेचारे, फायशा औरतें, आधारहीन फैसला, चौकड़ी भूल जाना और चौराहे पर भाषण जेसे 838 शब्दों को बैन किया गया है।
किया जाएगा सदन से बाहर
अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने प्रेसवार्ता में बताया कि आवश्यकता के अनुसार शब्दों का संशोधन किया जाएगा। सभी पार्षदों को ये शब्दावली उपलब्ध करवाई जायेगी। गलती से इन शब्दों को बोलने पर इन्हें विलोपित किया जाएगा। इसके साथ ही अगर कोई सदस्य समझाइश के बाद भी बार-बार इन शब्दों का प्रयोग करता है तो उसे निगम अध्यक्ष सदन से बाहर कर सकते हैं। ये शब्दावली आज से ही निगम के सदन में लागू की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा करने के बाद असंसदीय शब्दावली पुस्तिका बनाई है।
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