Bandhavgarh Tiger Reserve:11 हाथियों की मौत के बाद केवल एक डॉक्टर पर कार्रवाई
Bandhavgarh Tiger रिज़र्व: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 11 हाथियों की मौत के मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था। घटना के बाद मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र ने जांच टीम गठित की, जिसने मौके पर पहुंचकर विस्तृत जांच की। इसके बावजूद, चौंकाने वाली बात यह है कि पूरे प्रबंधन को दरकिनार कर केवल एक डॉक्टर पर कार्रवाई की गई।
घटना के बाद वन्य प्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नितिन गुप्ता को बांधवगढ़ से हटाकर महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी, मुकुंदपुर (सतना) भेजा गया है। उनकी जगह डॉ. राजेश तोमर को मुकुंदपुर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित किया गया है। इस फेरबदल का आदेश मध्य प्रदेश शासन के वन विभाग सचिव अतुल कुमार मिश्रा ने जारी किया।
प्रशासनिक कार्रवाई पर उठे सवाल
11 हाथियों की मौत जैसे गंभीर मामले में प्रबंधन पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय केवल एक डॉक्टर का तबादला करके मामले को ठंडा करने की कोशिश की।
केंद्र और राज्य की जांच टीम भी आई
घटना की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार की जांच टीम ने भी क्षेत्र का दौरा किया। प्रदेश और क्षेत्रीय स्तर पर भी अधिकारियों ने जांच की, लेकिन किसी भी वरिष्ठ अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई।
स्थानीय लोगों में रोष
स्थानीय लोग और वन्यजीव प्रेमी इस घटना से आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद प्रबंधन और बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है, जो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को आमंत्रण देगा।
आगे की कार्रवाई की उम्मीद
घटना ने प्रदेश की वन्यजीव सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या केवल एक डॉक्टर पर कार्रवाई से सुधार संभव है, या शासन को बड़े स्तर पर जवाबदेही तय करनी होगी? फिलहाल, लोगों की नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।