नक्सलियों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा बालाघाट का जंगल

Update: 2022-12-19 03:28 GMT
 बालाघाट : बालाघाट के रास्ते महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्यप्रदेश के मंडला, डिंडौरी, अमरकंटक समेत अन्य जिलों में अपनी संख्या बढ़ाकर पुलिस को नुकसान पहुंचाकर जनता के बीच खौफ पैदा कर रहे नक्सलियों के लिए बालाघाट का जंगल लगातार नुकसान दायक साबित होता जा रहा है। यहां की पुलिस की बहादुरी नक्सलियों पर भारी पढ़ती जा रही है ओर नक्सली एक-एक कर बड़े नक्सलियों को पुलिस के हाथों खोते ही जा रहे हैं। बता दें कि पिछली दो मुठभेड़ों में नक्सलियों ने अपने बड़े लीडरों को खोया है, जिससे नक्सलियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।

पुलिस को एक साल में ही तीसरी बड़ी सफलता हाथ लगी है। यहां पुलिस को 2002 की पहली सफलता जून माह में मिली थी। जहां पुलिस ने बहेला थाना क्षेत्र के जंगल में 20 जून 2022 को नक्सलियों का एनकाउंटर कर मार गिराया था। जिसमें नागेश उर्फ राजू तुलावी उम्र 38 वर्ष निवासी बोटेझरी गढ़रिचौली महारार्ष्ट निवासी, जो कि दड़ेकसा दलम में डीवीसीएम कमांडर इन चीफ था और इस पर मध्यप्रदेश में 6 लाख, महाराष्ट्र में 16 लाख व छत्तीसगढ़ में आठ लाख इस तरह इस पर तीनों राज्यों में 29 लाख का ईनाम घोषित था। इसके पास से पुलिस ने एसएलआर रायफल जप्त की थी।वहीं मनोज 23 साल निवासी बस्तर निवासी दडेकसा दलम में एरिया कमेटी सदस्य था और इसके उपर मध्यप्रदेश में तीन लाख, महाराष्ट्र में छह लाख व छत्तीसगढ़ में पांच लाख इस तरह कुल 14 लाख का ईनाम घोषित था और इसके पास से पुलिस ने एसएलआर रायफल जप्त की है। इसी प्रकार रामे दक्षिण बस्तर सुकमा निवासी है, जो कान्हा भौरमदेव में एरिया कमेटी व सुरेन्द्र उर्फ कबीर एसजेडसीएम गार्ड थी और इस पर मध्यप्रदेश में तीन लाख, महारार्ष्ट में छह लाख व छत्तीसगढ में पांच लाख कुल 14 लाख का ईनाम घोषित था और इसके पास से पुलिस ने सिंगल शॉट रायफल जप्त करने की कार्रवाई की गई थी।

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