महिला के गर्भ में शिशु की मौत, महिला ने सदमे में तोडा दम

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Update: 2022-06-27 10:21 GMT

भोपाल। राजधानी भोपाल के जयप्रकाश अस्पताल में रविवार को गर्भवती महिला की मौत हो गई। महिला के गर्भ में ही शिशु की मौत हो गई थी। परिजन का आरोप है कि डॉक्टरों की अनदेखी और समय से सिजेरियन न कराने के चलते गर्भवती की मौत हुई है। महिला की मौत के बाद करीब एक घंटे तक अस्पताल में हंगामा हुआ। अब अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की कमेटी बनाई है। यह कमेटी आज अपनी रिपोर्ट देगी।

एक दिन पहले किया था भर्ती
चंचल (27) पत्नी अनिल की पहली डिलेवरी होनी थी। उसे प्रसव पीड़ा के चलते जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मृतक के पति अनिल ने बताया कि यह हमारा पहला बच्चा था। सब कुछ ठीक चल रहा था। सभी तरह की जांच समय पर करवाई गई थी। शनिवार को पत्नी को दर्द उठा तो उसे लेकर जेपी अस्पताल आ गया।
डॉ. श्रद्धा अग्रवाल ने कहा कि सब कुछ ठीक है, दवाइयां दे दी हैं। जब पूरा एक दिन गुजर गया और पत्नी को प्रसव नहीं हुआ तो कई बार डॉक्टरों के पास गया। बताया कि उसे दर्द ज्यादा हो रहा है, आप लोगों को यदि ऑपरेशन करना हो तो जल्दी कीजिए, लेकिन डॉक्टरों ने ध्यान नहीं दिया। पत्नी की मौत लापरवाही के कारण हुई है।
अस्पताल में हुआ जमकर हंगामा
महिला की मौत की सूचना मिलने के बाद उसका पति अनिल बेहोश हो गया। उसकी हालत बिगड़ती देख परिजन ने हंगामा शुरू कर दिया। करीब एक घंटे तक अस्पताल में हंगामा मचा रहा। मौके पर पहुंची पुलिस से मृतक महिला के परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। अब आज जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी।
आशंका: जहर फैलने से हुई मौत
चंचल की मौत की खबर जैसे ही अस्पताल प्रबंधन को मिली तत्काल सभी अधिकारी आ गए। प्रथम दृष्टया यह कयास लगाए जा रहे हैं कि चंचल के पेट में ही बच्चे की मौत हो गई थी, जिसका जहर फैलने से बाद में चंचल की भी मौत हो गई। यदि शनिवार को ही आपरेशन किया जाता तो गर्भवती की जान बचाई जा सकती थी।
साल में तीसरा केस, जब गर्भवती की जान गई
जेपी अस्पताल में प्रसव पूर्व गर्भवती की मौत का यह तीसरा ऐसा मामला है, कुछ महीने पहले एक वर्षा नाम की महिला भी जेपी अस्पताल पहुंची थी। उसकी मौत भी प्रसव पूर्व हुई थी। इससे पहले एक केस और था, जिसमें गर्भवती को अंतिम समय पर सुल्तानिया अस्पताल रेफर कर दिया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी।
अधीक्षक बोले
इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई है। 24 घंटे में इस कमेटी को जांच करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।
डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन जेपी अस्पताल
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