ज्वाइनिंग न करने पर 120 डॉक्टरों की नियुक्ति कैंसिल

दो साल में भी चयनित 120 डॉक्टरों ने नौकरी ज्वाइन नहीं की

Update: 2024-03-02 08:49 GMT

भोपाल: प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने तीस साल बाद विशेषज्ञ (प्रथम श्रेणी) डॉक्टरों की भर्ती की, लेकिन दो साल में भी चयनित 120 डॉक्टरों ने नौकरी ज्वाइन नहीं की। नियमानुसार इसके बाद वेटिंग लिस्ट से भर्तियां की जाना था, लेकिन 24 महीने बाद भी पद खाली पड़े हैं। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

मप्र में प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ डॉक्टरों के 100 फीसदी पद प्रमोशन से भरे जाने का प्रावधान था। सरकार ने 2022 में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए 25 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाने का निर्णय लिया। मप्र लोकसेवा आयोग से ये भर्तियां करवाई गईं और 28 फरवरी 2022 को 371 चयनित चिकित्सकों की सूची जारी हुई और 2 मई को 52 जिलों में चयनित चिकित्सकों के नियुक्ति आदेश जारी किए गए।

इसमें शर्त थी कि चयनित चिकित्सक एक महीने में नौकरी ज्वाइन करें। अन्यथा उनका नियुक्ति आदेश निरस्त माना जाएगा और खाली पदों को वेटिंग लिस्ट से भरा जाएगा। इसके बावजूद 120 चिकित्सकों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया। न ही इन पदों को वेटिंग लिस्ट से भरा गया।

तीन रिमाइंडर ​दिए फिर भी डॉक्टर नहीं पहुंचे

सरकार की ओर से पहला रिमाइंडर 6 जुलाई 2023 को दूसरा 11 अगस्त 2023 को और तीसरा 15 सितंबर 2023 को जारी किया गया कि चयनित डाक्टर नौकरी ज्वाइन कर लें। 25 जनवरी 2024 को ज्वाइनिंग के लिए तीन दिन का समय दिया गया। डॉक्टर नहीं पहुंचे ताे 14 फरवरी को अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान के निर्देश पर विभाग की अवर सचिव सीमा डहेरिया ने 78 डाक्टरों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए। इनमें 18 डाक्टर एनेस्थेसिया के, 17 मेडिकल स्पेशिलिस्ट, 17 चाइल्ड स्पेशिलिस्ट और 26 महिला रोग विशेषज्ञ शामिल हैं। 42 डॉक्टरों की नियुक्ति इससे पहले निरस्त की जा चुकी है।

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