भोपाल न्यूज़: प्रवेश और फीस विनियामक समिति के अपीलीय प्राधिकारी की कुर्सी पर दो साल बाद भी नियुक्ति नहीं हो सकी है. इन दो सालों में करीब 138 कॉलेज फीस रिव्यू के लिए आवेदन कर चुके हैं. लेकिन अपीलीय प्राधिकारी की नियुक्ति न होने के कारण अब भी इन प्रस्तावों पर सुनवाई नहीं हो सकी है. अब इन मामलों की सुनवाई के लिए एपीएस मनोज श्रीवास्तव ने दो वकीलों की नियुक्ति की पुष्टि की है. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री निवास पर नियुक्ति की फाइल दो साल से लंबित पड़ी हुई है. इस दौरान फीस कमेटी उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और आयुष विभाग के हजारों कालेजों की फीस निर्धारित कर चुकी है. इसमें करीब 138 कॉलेज फीस कमेटी द्वारा निर्धारित की गई फीस से संतुष्ट नहीं थे. इसलिए उन्होंने अपीलीय प्राधिकारी कार्यालय में फीस को रिव्यू कराने का प्रपोजल और एप्लीकेशन भेजी थीं.
पहली बार इतने लंबे समय तक पद खाली
इसके पहले तक अपीलीय प्राधिकारी का कार्यकाल पूर्ण होने के तत्काल बाद नए अपीलीय प्राधिकारी की नियुक्ति कर दी जाती थी. ऐसा बताया गया है कि अपीलीय प्राधिकारी की नियुक्त मुख्यमंत्री की मंजूरी से ही होती है. इसलिए तकनीकी शिक्षा विभाग ने फाइल तैयार कर मुख्यमंत्री निवास भेज दी है, लेकिन दो साल में उनकी नियुक्ति नहीं हो सकी है.