आगामी चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में भाजपा को एक और झटका
पूर्व विधायक गिरजा शंकर शर्मा ने पार्टी छोड़ी
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले दल-बदलने का खेल जारी है। इसी बीच भाजपा को शुक्रवार को एक और झटका लगा। नर्मदापुरम जिले के पूर्व विधायक गिरजा शंकर शर्मा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने राज्य सरकार और संगठन पर कई आरोप लगाए हैं। भाजपा के दो बार विधायक रहे गिरजा शंकर शर्मा ने उपेक्षा और पार्टी की स्थितियों से नाराज होकर त्यागपत्र दिया है। गिरिजा शंकर शर्मा 45 सालों से बीजेपी में शामिल थे। दूसरी बार पार्टी छोड़ने के सवाल के जवाब पर शर्मा ने कहा कि मैं चाहता हूं कि प्रदेश में भाजपा सरकार नहीं बने इसके लिए मैं हर संभव प्रयास करुंगा। उनका कहना है कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकना हमारी मंशा। कांग्रेस से चर्चा हुई थी मगर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस में अगर हमारे नाम पर सहमति नही बनेगी, तो फिर हम भी वहां नहीं जायेंगे। कांग्रेस भी किसी गलतफहमी में ना रहे क्योंकि बिना एकजुटता के उनकी राह भी आसान नहीं होगी।
अभी वह किसी भी दल में शामिल होने नहीं जा रहे हैं। यह बात जरूर है कि उनकी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से मुलाकात हो चुकी है। इससे पहले गुरुवार को शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र के विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार पर भ्रष्टाचार सहित कई गंभीर आरोप भी लगाए थे।
पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा सीतासरन शर्मा के बड़े भाई हैं। वह दो बार नगर पालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं। चुनाव के पहले उनके संगठन को छोड़ने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वर्ष 2018 में भी उन्होंने पार्टी से टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिलने से कांग्रेस में शामिल हो गए थे। पत्रकार वार्ता के दौरान शर्मा ने कहा कि कांग्रेस में उनकी बात हुई है, लेकिन फिलहाल वह कांग्रेस संगठन ज्वाइन नहीं करेंगे। शर्मा के संगठन से इस्तीफा देने के बाद कई तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं। वे जनसंघ से जुड़े हुए रहे हैं। शर्मा भाजपा के कद्दावर नेताओं में माने जाते हैं।