जेपी अस्पताल में मांग न मानने पर सामूहिक विरोध का ऐलान

Update: 2023-01-14 07:10 GMT

भोपाल न्यूज़: डॉक्टरों मप्र शासन ने डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को सार्थक ऐप से हाजिरी लगाने का आदेश 29 दिसंबर को दिया. इसके बाद से ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों में इसका विरोध शुरू हो गया है. भोपाल में जीपीएस आधारित सार्थक ऐप का विरोध देखने को मिला.

मप्र मेडिकल ऑफिसर एसो. व स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य आयुक्त के नाम पर ज्ञापन देकर ऐप पर रोक लगाने की मांग की. ऐसा न होने पर दोपहर बाद एक बजे जेपी अस्पताल में सामूहिक तौर पर विरोध करने का ऐलान कर दिया. बता दें, जारी आदेश में स्वास्थ्य आयुक्त ने चिकित्सकों व स्वास्थ्य अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर इसे फॉलो करने कहा है. साथ ही 7 जनवरी से एप के माध्यम से जो उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे, उनका वेतन रोकने की चेतावनी दी.

ऐसे काम करता है एप: सार्थक ऐप जीपीएस आधारित मोबाइल ऐप है. इसके जरिए चिकित्सकों व कर्मचारियों की जीपीएस लोकेशन के साथ उपस्थिति दर्ज होती है. साथ ही एक फोटो भी लोकेशन के साथ अपलोड करनी होती है.

स्वास्थ्य विभाग आपातकालीन सेवाओं का काम करता है. ऐसे डॉक्टर, अधिकारी और कर्मचारी के ड्यूटी समय की अनिश्चितता व परिवर्तनशीलता को देखते हुए सार्थक ऐप की उपयोगिता सुनिश्चित हो. इसके बाद सभी विभागों के साथ लागू किए जाए.

डॉ. रितेश तंवर, जेपी अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर

स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व कर्मचारियों की इमरजेंसी ड्यूटी के साथ वीआईपी और अन्य आयोजनों पर ड्यूटी लगाई जाती हैं. जिसका कोई समय तय नहीं होता है. ऐसे में एप पर उपस्थित दर्ज कैसे होगी यह व्यवस्था नहीं है. इससे ऐसा लगता है कि चिकित्सकों व कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा हैं.

सुरेंद्र कौरव, प्रदेश अध्यक्ष स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी महासंघ

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