घर-जमीन के साथ-साथ इतने लाख देगी कैश, नक्सलियों को सरेंडर कराएगी सरकार

Update: 2022-06-27 13:13 GMT

मध्य प्रदेश सरकार अब नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उनके पुनर्वास के लिए बड़ा ऑफर आ रही है. इस ऑफर के तहत सरकार ने नई 'सरेंडर पॉलिसी' तैयार की है. इस पॉलिसी में नक्सलियों के सरेंडर करने पर सरकार उनके रहने से लेकर रोजगार तक की व्यवस्था करेगी. इतना ही नहीं, नक्सलियों के सरेंडर करते वक्त पुरस्कृत भी किया जाएगा. उन्हें लाखों रुपये तो दिए ही जाएंगे, साथ ही ट्रेनिंग भी दी जाएगी. यह नीति मध्य प्रदेश में कभी भी लागू हो सकती है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रशासनिक अधिकारियों ने इसके संकेत दे दिए हैं.

बता दें, प्रदेश के बालाघाट में सबसे ज्यादा नक्सली एक्टिव रहते हैं. इसके अलावा डिंडौरी और मंडला भी नक्सल प्रभावित जिलों में आते हैं. नई सरेंडर पॉलिसी में सरकार पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले नक्सलियों को घर, खेती की जमीन, 5 लाख रुपए नगद, राशन, मुफ्त इलाज, प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए 6 हजार रुपए देगी. नक्सलियों की रैंक के हिसाब से उनको पुरस्कृत भी किया जाएगा. प्रदेश में तेजी से बढ़ते नक्सली मूवमेंट और सक्रियता की वजह से पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग के साथ मिलकर सरकार को सरेंडर पॉलिसी का ड्राफ्ट पहले ही भेज दिया था. वहीं, हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस पॉलिसी को जल्द लागू करने की बात कही थी.

आईजी ने कही ये बात

मध्य प्रदेश पुलिस के नक्सल विरोधी अभियान के आईजी फरीद शापू ने कहा कि नक्सलियों को लेकर हमारी रणनीति बिल्कुल स्पष्ट है. उन्हें हमें मध्य प्रदेश से खदेड़ना है और उनका खात्मा करना है. यदि कोई नक्सली मुख्यधारा से जुड़ना चाहता है तो उसके लिए भी हमारी रणनीति है. एनकाउंटर के दौरान पुलिस को इस बात का पूरा ख्याल होता है कि नक्सलियों की जान न जाए. लेकिन, जब दूसरी तरफ से फायरिंग होती है तो जवाबी कार्रवाई में नक्सली मारे जाते हैं. शापू ने यह भी कहा कि नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस मुख्यालय ने नीति तैयार की थी. इस नीति को शासन को भेजा गया है.

उन्होंने कहा कि सरकार पॉलिसी पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस नीति को जल्द लागू करने की बात कही है. मध्य प्रदेश में पुलिस मुख्यालय इस पर मंथन करेगा और इसे लागू कर दिया जाएगा. बता दें, 2021 में 19 नक्सली हिंसा के मामले सामने आए. इसमें 3 लोगों की मौत हुई. 2020 में 16 घटनाएं हुईं. इसमें दो लोग मारे गए. 2019 में 5 नक्सली घटनाएं हुईं और दो लोग मारे गए.

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