इंदौर/धार। हादसे में रेस्क्यू किए गए यात्रियों की हालत गंभीर है, नदी में बहे यात्रियों को खोजने के लिए टीमें लगातार जुटी हैं. इस हादसे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खेद व्यक्त किया है. पानी में से बस को निकाल लिया गया है. इंदौर कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा ने 13 लोगों की मौत की पुष्टि की है. मृतकों में आठ की शिनाख्त हो चुकी है, अन्य की शिनाख्त करने के प्रयास प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.उज्जैन। बाबा महाकाल की सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा द्वारा जिला कलेक्टर, एसएसपी से सपत्नीक संपन्न कराया गया. सर्वप्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया. इसके पश्चात भगवान की आरती की गई. पूजन के पश्चात कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने पालकी को उठाकर आगे बढ़ाया. मंदिर के मुख्य द्वार पर बाबा को पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ओनर दिया गया. लॉ एंड आर्डर के लिए पुलिस की चप्पे चप्पे पर तैनाती की गई. बाबा के भक्त झूमते- नाचते व गाते भगवन का स्वागत करने को आतुर राह में खड़े रहे.
शिप्रा तट पर रेड कारपेट और रंगोली : उज्जैन महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार से शिप्रा तट तक सांस्कृतिक कला कही जाने वाली भव्य रंगोली पंड्या जी द्वारा बनाई गई. शिप्रा नदी पर सवारी मार्ग को रेड कारपेट से बिछाया गया और रंगबिरंगे झंडे लगाए गए. सवारी के आगे-आगे आतिशबाजी की गई. शुरुआत तोप की आवाज और केसरिया ध्वज लहराते हुए की गई. उसके पश्चात पुलिस बैण्ड द्वारा सुंदर धुन बजाकर बाबा का स्वागत किया गया. महाकालेश्वर मंदिर से सवारी, महाकाल घाटी, होते हुए शिप्रा नदी पहुंची, जहां पूजन के बाद परंपरा मार्ग पर भ्रमण करते हुए अनुसार मंदिर लौटे.
दो साल बाद निकली है सवारी : महाकाल मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि आज सावन के पहले सोमवार पर पालकी में मनमहेश रूप में बाबा ने भक्तों को दर्शन लाभ दिए हैं. भक्तों ने अपने जीवन को धन्य किया. वहीं, कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सावन की सवारी में इस बार 2 साल बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खास इंताजम सुरक्षा के किये गए. जिससे हर कोई सुगम दर्शन कर सके. सवारी मार्ग को त्योहार के रूप के रूप में सजाया गया है. (Baba Mahakal came out to know city) (Red Carpet and Rangoli at Shipra Beach) (Baba Mahakal Sawari in Ujjain)