ऑनलाइन गेम में हारने के बाद 10वीं के छात्र ने बनाया अपने ही अपहरण की झूठी कहानी, जाने
गुरुवार शाम 4 बजे चौराहा पार करने के बाद उसे कुछ होश नहीं. बाद में पता चला कि किसी ने उसे कार की डिक्की में बंद कर दिया है. उसे दो लोग रास्ते में पीट भी रहे थे. उसके शरीर पर कट और पीठ पर मारपीट के भी निशान थे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मध्य प्रदेश के उज्जैन (madhya pradesh, ujjain) के जीवाजी गंज क्षेत्र में एक छात्र ने खुद के ही अपहरण (student made a false story of his own kidnapping) की साजिश रच डाली. दरअसल छात्र ने अपनी मां के अकाउंट से फ्री फायर गेम खेलने के लिए 1500 रुपए का ऑनलाइन रिचार्ज किया था. बाद में पता चलने के डर से उसने अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली. जानकारी के मुताबिक जीवाजी गंज क्षेत्र में 28 अक्टूबर को शीतलामाता मंदिर क्षेत्र का रहने वाला एक 10वीं का छात्र इंदौर के राजवाड़ा में रोते हुए मिला था. स्थानीय लोगों ने उसे सरार्फा थाने में पहुंचाया. वहां उसने पुलिस को बताया कि दो बदमाश कोचिंग जाते समय निकास चौराहे से उसे बेहोश कर कार की डिक्की में डालकर ले गए थे.
मौका मिलने पर वह उनके चुगंल से छूटकर भाग निकला. इस दौरान बदमाशों ने उसे पीटा भी था. पुलिस ने परिजनों को बुलाकर बच्चे को सौंप दिया और अज्ञात अपहरणकर्ताओं के खिलाफ जीरो पर कायमी कर जांच के लिए डायरी कोतवाली पुलिस को भेज दी.
पुलिस को बताया दांतों से काटकर खुद को बदमाशों के चंगुल से छुड़ाया
सराफा थाना प्रभारी सुनील शर्मा के अनुसार उज्जैन के 15 साल के दसवीं के छात्र की शिकायत पर अपहरण का केस दर्ज किया है. उसने पुलिस को बताया कि वह जीवाजीगंज थाना क्षेत्र में रहता है. उसके पिता टेलर हैं. वह रोज की तरह कोचिंग पढ़ने के लिए उज्जैन के निकासी चौराहे से जा रहा था. गुरुवार शाम 4 बजे चौराहा पार करने के बाद उसे कुछ होश नहीं. बाद में पता चला कि किसी ने उसे कार की डिक्की में बंद कर दिया है. उसे दो लोग रास्ते में पीट भी रहे थे. उसके शरीर पर कट और पीठ पर मारपीट के भी निशान थे.
जब उसे पूरी तरह से होश आया तो दो बदमाश दिखे. उसके बाद उसने दोनों को दांतों से काटा और फिर भीड़-भाड़ वाले इलाके में भागकर आ गया. यहां बाटा शोरूम के पास जाकर रोने लगा. तभी कुछ लोगों ने उसे जख्मी हालत में देखकर रोने का कारण पूछा. उसने अपने परिजन का नंबर दिया. उन्होंने परिवार वालों को फोन लगाया और डायल 100 पर भी फोन लगा दिया. रात में सराफा पुलिस ने उसका मेडिकल करवाया. फिर अपहरण का केस दर्ज कर मामला जीवाजीगंज थाने पर ट्रांसफर कर दिया.
पुलिस ने शक होने पर निकलवाई सीसीटीवी फुटेज
निकास चौराहे जैसे भीड़ भरे क्षेत्र से दिनदहाड़े किशोर का अपहरण पुलिस को संदिग्ध नजर आ रहा था. पुलिस ने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले तो इसकी पुष्टि नहीं हुई. इसके बाद किशोर से पूछताछ की तो उसने सच बताते हुए कहा कि ऑनलाइन गेम फ्री फायर के लिए उसने अपनी पॉकेट मनी से डेढ़ हजार रुपये के रिचार्ज कर लिए थे.
पैसे कटने के सभी मैसेज उसकी मां के मोबाइल पर जाते हैं. उसे डर था की मां जब मैसेज देखेगी तो उसे माता-पिता दोनों डांटेंगे, जिसके कारण वह इंदौर चला गया. वहां उसने अपहरण की झूठी कहानी बना ली थी. सच्चाई जानने के बाद पुलिस ने उसे समझाइश दी है. अब पुलिस केस के खात्मे की कार्यवाही में जुट गई है.