क्रॉस वोटिंग के डर से बीजेपी के बाद अब कांग्रेस ने भी आनन-फानन में अपने पार्षदों को बस के जरिए धार्मिक यात्रा के बहाने जिले से बाहर भेज दिया है।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में इन दिनों भाजपा और कांग्रेस पार्षदों की बाड़ेबंदी का खेल खेल रही हैं। जो कि काफी सुर्खियों में हैं। दरअसल बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी पार्टी का सभापति बनाना चाहती हैं और उसी कवायद में लगी हैं। क्रॉस वोटिंग के डर से बीजेपी के बाद अब कांग्रेस ने भी आनन-फानन में अपने पार्षदों को बस के जरिए धार्मिक यात्रा के बहाने जिले से बाहर भेज दिया है। बता दें इससे दो दिन पहले बीजेपी ने पार्षदों को एक हरियाणा के रिसॉर्ट में भेजा था। इसमें तीन निर्दलीय और एक बीएसपी का भी पार्षद शामिल है। बताया जा रहा है कि धार्मिक यात्रा के लिए रवाना की गई बस में महापौर शोभा सिकरवार और उनके पति विधायक सतीश सिकरवार के साथ ही कांग्रेस के कई बड़े नेता भी गए हैं।
आगामी पांच अगस्त को ग्वालियर सभापति के लिए वोटिंग होने वाली है। लिहाजा दोनों ही पार्टियों ने कमर कस ली है। क्रॉस वोटिंग के डर से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही पार्षदों को जिले से बाहर भेज दिया है। कांग्रेस ने 29 पार्षदों के समर्थन का दावा किया है, जिसमें 25 कांग्रेस के तीन निर्दलीय और एक बसपा पार्षद शामिल है।
जबकि भाजपा 34 पार्षदों के समर्थन की बात कह रही है। बीजेपी ने दो दिन पहले 34 पार्षदों को दिल्ली के लिए रवाना किया था, लेकिन दिल्ली न भेजकर फिलहाल पार्षदों को हरियाणा के एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है। पार्षद गुरुवार को दिल्ली पहुंच सकते हैं जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करेंगे।