भाजपा और कांग्रेस का एक मजबूत विकल्प मुहैया कराने के प्रयास में जुटे आम आदमी पार्टी

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद आम आदमी पार्टी (आप) एक बार फिर प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस का एक मजबूत विकल्प मुहैया कराने के प्रयास में जुट गई है

Update: 2022-06-19 14:30 GMT

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद आम आदमी पार्टी (आप) एक बार फिर प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस का एक मजबूत विकल्प मुहैया कराने के प्रयास में जुट गई है। इसके लिए जल्द ही पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय कर दिया जाएगा।

'आप' ने ब्लॉक से लेकर पंचायत तक जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कवायद भी शुरू कर दी है, ताकि पार्टी आने वाले नगर निकाय सहित अन्य चुनावों में पूरे दम-खम से लड़ सके। इसी कड़ी में पार्टी जल्द ही अपना प्रदेश अध्यक्ष भी घोषित कर देगी।
फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में न केवल 'आप' का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था, बल्कि बाद में उसके कई बड़े नेताओं ने पार्टी से नाता भी तोड़ लिया। इनमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बाली शामिल हैं। कोठियाल और बाली, दोनों ही सत्ताधारी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
'आप' के शुक्रवार को हुए विचार मंथन शिविर में पार्टी के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे आने वाले नगर निकाय चुनावों को पूरी ताकत के साथ लड़ें।
मोहनिया ने कहा कि कार्यकर्ताओं के मन के सवालों और समस्याओं को हल करने के लिए पार्टी लगातार इस तरह के आयोजन करती रहेगी।
नेताओं में नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी व्यक्ति से नहीं, बल्कि विचारों से चलती है और रूठने-मनाने का सिलसिला हर दल में होता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई नाराजगी है तो उसे तुरंत दूर किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी फिलहाल दो-तीन कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति करेगी, जिसके बाद जल्द ही पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का भी चयन कर लिया जाएगा।
हाल ही में कांग्रेस छोड़कर 'आप' में शामिल हुए प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि पार्टी जनहित के हर मुद्दे को उठाकर जनता के बीच अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराएगी, ताकि लोगों का भरोसा जीता जा सके।


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