निवेश की गलत जानकारी देने पर भरना पड़ेगा पचास हजार रुपए का जुर्माना, नहीं होगी जेल
भोपाल | मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश करने वाली कंपनी द्वारा राज्य सरकार को निवेश से जुड़ी गलत जानकारी प्रस्तुत करने के आधार पर कंपनी संचालक को अब जेल की हवा नहीं खानी पड़ेगी। उसे सजा के रूप में अधिकतम पचास हजार रुपए का जुर्माना किया जा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार मध्यप्रदेश निवेश संवर्धन संशोधन विधेयक 2023 लाने जा रही है। इस संशोधन विधेयक को इसी मानसून सत्र में चर्चा के लिए पेश किया जाना है। इसके पहले इसके मसौदे को शनिवार शाम होने वाली कैबिनेट में पेश कर मंजूरी दी जाएगी ताकि इसे विधानसभा में पेश किया जा सके।
मध्यप्रदेश निवेश संवर्धन विधेयक के तहत अभी तक प्रदेश में निवेश करने वाली कंपनी के संचालक द्वारा गलत जानकारियां सरकार को देने पर 50 हजार रुपए जुर्माने के साथ छह माह तक जेल का प्रावधान भी है।
रहा है कि केंद्र सरकार के फरमान के बाद राज्यों में गैर जरूरी प्रावधानों को हटाया या बदला जा रहा है।
इस प्रावधान के तहत अभी तक किसी भी मामले में जेल की सजा नहीं सुनाई गई है। अब राज्य सरकार इस प्रावधान को स्थाई रुप से हटाने जा रही है। अब केवल जुर्माने की सजा ही इसके लिए तय रहेगी।
आयुर्विज्ञान विवि संशोधन विधेयक के मसौदे को भी मिलेगी मंजूरी
कैबिनेट में मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विवि संशोधन विधेयक 2023 के मसौदे पर भी चर्चा की जाएगी। इसे भी विधानसभा में चर्चा के लिए पेश किया जाना है। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विवि में कुलपति, रजिस्ट्रार और कंट्रोलर की नियुक्ति के नियमों में संशोधन प्रस्तावित है। कुलपति के लिए अब तीन नामों का पैनल बनाया जाएगा।
वहीं रजिस्ट्रार और कंट्रोलर के पद पर किसी भी कॉलेज का सात साल तक प्राचार्य होंने की शर्त में भी बदलाव किया जा रहा है। अब सात की जगह केवल पांच साल कॉलेज प्राचार्य रहे व्यक्ति भी इसके लिए पात्र होंगे। राज्य प्रशासनिक सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा केअधिकारी भी रजिस्ट्रार और कंट्रोलर बन सकेंगे। वर्ष 2023 में नये प्रस्तावित व स्थापित पॉवर प्लांटों से बिजली खरीदी के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में चर्चा की जाएगी। कैबिनेट बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रथम अनुपुरक अनुमान का अनुमोदन भी किया जाएगा। यह लगभग बीस हजार करोड़ से अधिक का हो सकता है।