लॉ कॉलेज पुस्तक विवाद की जांच के लिए 7 सदस्यीय टीम पहुंची कॉलेज

Update: 2022-12-09 08:07 GMT

इंदौर न्यूज़: शासकीय लॉ कॉलेज में चल रहे पुस्तक विवाद मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है. प्रो. डॉ फरहत खान की विवादित पुस्तक सहित अन्य विवादास्पद मामले की जांच के लिए प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित 7 सदस्यीय जांच कमेटी लॉ कॉलेज पहुंची. जांच कमेटी ने यहां पर कई छात्रों के लिखित बयान भी दर्ज किए. कमेटी में दो अतिरिक्त संचालकों के अलावा कॉलेज प्राचार्य और प्रोफेसर शामिल हैं. जांच कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.

प्रकरण में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर उच्च स्तरीय जांच शुरू हुई है. विभाग ने मामले के लिए 7 सदस्यीय कमेटी गठित की. कमेटी छात्रों की शिकायत की जांच करेगी. साथ ही सारे पक्षों से चर्चा करते हुए उनके लिखित बयान दर्ज करेगी. कमेटी के सभी सातों सदस्य मगंलवार दोपहर लॉ कॉलेज पहुंचे. जांच कमेटी में उच्च शिक्षा भोपाल संभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. मधुरा प्रसाद, उच्च शिक्षा इंदौर संभाग की प्रभारी अतिरिक्त संचालक डॉ. किरण सलूजा, शासकीय कला व वाणिज्य कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनूप कुमार व्यास, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा इंदौर के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. आरएस चौहान, शासकीय कला एवं वाणिज्य कॉलेज इंदौर के वाणिज्य प्राध्यापक डॉ. कुंभन खंडेलवाल, होलकर विज्ञान स्वशासी कॉलेज इंदौर के प्राध्यापक डॉ. आरसी दीक्षित और बाबूलाल गौर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भेल भोपाल वाणिज्य प्राध्यापक डॉ. संजय कुमार जैन शामिल हैं.

20 से ज्यादा सवालों के जवाब सीलबंद: कमेटी ने कॉलेज में एलएलबी और एलएलएम की शिक्षा ले रहे 200 से अधिक छात्रों से 20 से अधिक सवालों के लिखित जवाब लिए. इन जवाबों के आधार पर ही समिति द्वारा रिपोर्ट बनाई जाएगी. इसलिए इन सभी जवाबों को सीलबंद लिफाफों में रखा गया है. जवाब से निकले निष्कर्ष अंतिम रिपोर्ट में शामिल किए जाएंगे. वहीं, समिति में डॉ. सिलावट के शामिल होने से जांच प्रभावित होने की आशंका उठने के बाद उन्होंने खुद समिति से बाहर होने के लिए पत्र लिखकर खुद को बाहर कर लिया.

कमेटी 3 दिन में देगी जांच रिपोर्ट: कमेटी ने कॉलेज पहुंचकर सबसे पहले बच्चों से संवाद शुरू किया. वहीं, मामले का खुलासा करने वाले एबीवीपी के कार्यकर्ताओं से भी मामले को लेकर प्रमाण मांगे. नई जांच कमेटी ने पुरानी कमेटी द्वारा लिए प्राध्यापकों और विद्यार्थियों के बयानों को भी देखा और उनके द्वारा भरे गए प्रश्नों को भी अपने अधीन लिया. जांच कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. सूत्रों की माने तो इस रिपोर्ट पर पहले मुख्यमंत्री से परामर्श किया जाएगा.

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