उज्जैन में 11 फीट के अजगर को वन विभाग ने बचाया

Update: 2023-08-11 07:19 GMT

बरसात के साथ ही वन्य जीवों का जंगलों में विचरण शुरू हो गया है। उज्जैन जिले के बड़नगर तहसील के खंडवासुरा एवं अजनार गांव के बीच हनुमान मंदिर के पास अजगर ने एक बकरी का बच्चा निगल लिया था। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश था, लेकिन जब इस बात की सूचना वन विभाग की टीम को लगी तो उन्होंने ग्रामीणों को न सिर्फ समझाया बल्कि इस अजगर का रेस्क्यू कर उसकी जान भी बचा ली।

उज्जैन के डिप्टी रेंजर वन्य जीव मदन मौरे ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि बड़नगर तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर खंडवासुरा एवं अजनार गांव के पास एक अजगर ने बकरी का बच्चा निगल लिया है। इस पर रेस्क्यू दल के एक्सपर्ट दीपक शेर एवं वन विभाग की टीम रात में स्थल पर पहुंची थी। मंदिर से करीब 50 मीटर दूर अजगर बकरी का बच्चा निगलकर झाडियों में बैठा हुआ था। इस पर ग्रामीणों को समझाया गया कि अजगर यहां से जंगल में चला जाएगा। लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश की स्थिति को देखते हुए टीम ने अजगर का रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के दौरान अजगर ने बकरी के बच्चे को पेट से वापस मुंह में लाकर बाहर निकाल दिया, बकरी का बच्चा मृत स्थिति में बाहर आया। अजगर को बॉक्स में रखकर उज्जैन जिला मुख्यालय लाया गया।

एशियन पायथन प्रजाति का है अजगर

अजगर का स्वास्थ्य परीक्षण डॉ. मुकेश जैन ने किया। अजगर एशियन पायथन प्रजाति का होकर नर व्यस्क है। उसकी लंबाई 11.7 फीट है और वजन 37 किलो है। अजगर पूर्णत: स्वस्थ है। डिप्टी रेंजर वन्य जीव मदन मौरे ने बताया कि यह अजगर गांव से कुछ दूरी पर बहने वाली चामला नदी से आया है। इस नदी में अजगर के रहवास की अनुकूल रेती एवं घास के साथ ही पोली मिट्टी होने से यहां हर वर्ष ही मानसून के मौसम में अजगर की उपस्थिति मिलती है। पिछले वर्ष पास के गांव से मादा पायथन एवं उसके साथ 5 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे। इससे पूर्व भी कई बार विभाग रेस्क्यू कर चुका है।

बकरी के मालिक को मिलेगा मुआवजा

मौरे ने बताया कि जिस ग्रामीण की बकरी के बच्चे को अजगर ने निगला है, उसे बड़नगर अनुविभाग के डिप्टी रेंजर के समक्ष आवेदन करने पर विभाग मुआवजा देगा। अजगर को डीएफओ के निर्देशानुसार खिवनी वन्य जीव अभ्यारण्य में छोड़ दिया गया है।

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