केरल में लोगों ने हर्षोल्लास से विशू और गुड फ्राइडे मनाया
केरल में कोविड-19 महामारी के डर से धीरे-धीरे बाहर आ रहे.
तिरुवनंतपुरम, केरल में कोविड-19 महामारी के डर से धीरे-धीरे बाहर आ रहे लोगों ने शुक्रवार को फसल कटाई का पर्व विशू हर्षोल्लास से मनाया और एक-दूसरे के लिए खुशहाली एवं समृद्धि की कामना की। महामारी के डर और लॉकडाउन संबंधी पाबंदियों ने पिछले दो वर्षों में विशू समेत अन्य पारंपारिक त्योहारों की चमक फीकी कर दी थी।
हिंदू परिवारों ने विशू के मौके पर प्राचीन परंपराओं एवं रीति-रिवाजों का पालन किया, जबकि ईसाइयों ने बड़ी संख्या में प्रार्थना सभाओं में शामिल होकर गुड फ्राइडे मनाया। विशू और गुड फ्राइडे एक ही दिन कम ही पड़ते हैं। परंपरा के अनुसार, हिंदू समुदाय के लोग 'विशुक्कानी' को देखने के लिए सुबह-सुबह उठे। 'विशुक्कानी' के तहत पीतल के बर्तन में सजाकर रखे गए चावल, फलों, सोने के आभूषणों और फूलों को देखने का रिवाज है। ऐसा करना आशा एवं समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
बड़े-बुजुर्गों ने 'विशू कैनीत्तम' के रिवाज के तहत बच्चों को सिक्के दिए। उत्तरी केरल के मालाबार क्षेत्र में लोगों ने तड़के पटाखे जलाकर विशू मनाया। हालांकि, दक्षिण भाग में यह परंपरा चलन में नहीं है। मध्य एवं दक्षणी जिलों में लोगों ने खीरे, आम, कटहल जैसे मौसमी उत्पादों से स्वादिष्ट व्यंजन 'विशू साध्य' बनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई प्रमुख लोगों ने केरलवासियों को विशू की शुभकामनाएं दीं।