चांडी की प्रशंसा पर नौकरी गंवाने का दावा करने वाली महिला के खिलाफ मामला दर्ज

Update: 2023-08-23 18:27 GMT
केरल: पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी की प्रशंसा करने के कारण अपनी अस्थायी नौकरी गंवाने का दावा करने वाली महिला के विरुद्ध एक अन्य महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद फर्जीवाड़े के आरोप में बुधवार को मामला दर्ज किया गया। महिला सशक्तीकरण संगठन ‘कुदुम्बश्री’ की स्थानीय इकाई की पूर्व पदाधिकारी लिजिमोल ने जिला पुलिस प्रमुख के पास शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि एक दिन पहले अपनी नौकरी गंवाने का दावा करने वाली पी. ओ. सती अम्मा ने जालसाजी के जरिए अस्थायी रोजगार हासिल किया था। शिकायत में उन्होंने स्थानीय कुदुम्बश्री इकाई के कुछ पदाधिकारियों पर भी आरोप लगाए, जिन्होंने यहां पुथुपल्ली में एक पशु चिकित्सा केंद्र में अस्थायी सफाईकर्मी की नौकरी के लिए सती अम्मा को भर्ती किया था।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि शिकायत सीधे जिला पुलिस प्रमुख को सौंपी गई। बाद में, लिजिमोल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्हें मीडियाकर्मियों के माध्यम से पता चला कि 52 वर्षीय सती अम्मा फर्जी दस्तावेज बनाकर उनके नाम पर काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि वह ‘ऑल-वुमन नेटवर्क’ की पूर्व पदाधिकारी थीं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने पशु चिकित्सा केंद्र में नौकरी के लिए न तो कोई आवेदन किया और न ही कोई वेतन प्राप्त किया। लिजिमोल ने नेटवर्क के कुछ वर्तमान पदाधिकारियों पर जालसाजी और दूसरे की पहचान के आधार पर सती अम्मा को सहायता प्रदान करने का आरोप लगाया। इस बीच, पुथुपल्ली उपचुनाव के कांग्रेस के उम्मीदवार एवं केरल के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत ओमन चांडी के बेटे चांडी ओमन ने आज सती अम्मा से मुलाकात की और उसे पूरा समर्थन दिया।
उन्होंने बाद में पत्रकारों से कहा कि वाम नेतृत्व वाली सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है और महिला को इसलिए अपनी नौकरी गंवानी पड़ी क्योंकि उसने अभिव्यक्ति के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया था। ओमन ने कहा, ‘‘वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन इसके आधार पर लोगों की आजीविका के साधन को नहीं छीनना चाहिए।’’ उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से इस मामले में फिर से विचार करने और सती अम्मा को सेवा में बहाल करने का अनुरोध किया। उन्होंने पूछा कि महिला पर इस तरह के आरोप कल तक क्यों नहीं लगाए गए। हालांकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि सती अम्मा को हटाए जाने के पीछे कोई राजनीति नहीं की गई।
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