Kerala में निपाह वायरस से 14 साल के बच्चे की इलाज के दौरान मौत

Update: 2024-07-21 13:56 GMT
Kerala केरल:  मलप्पुरम में निपाह वायरस से संक्रमित 14 वर्षीय एक लड़के की रविवार को मौत हो गई। उसका यहां इलाज किया जा रहा था। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने यह जानकारी दी। जॉर्ज ने बताया कि यह लड़का पांडिक्कड़ से था और रविवार सुबह 10.50 बजे उसे दिल का दौरा पड़ा, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। जॉर्ज ने कहा, ‘‘ वह बेहोश था और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। दिल का दौरा पड़ने के बाद उसे बचाने का बहुत प्रयास किया गया, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे और पूर्वाह्न 11.30 बजे उसकी मौत हो गई।''
मंत्री ने कहा कि उसका अंतिम संस्कार international protocol के अनुरूप किया जाएगा। जॉर्ज ने कहा, ‘‘जिलाधिकारी लड़के के माता-पिता और परिवार के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद ही अंतिम संस्कार के बारे में कोई फैसला किया जाएगा।'' स्वास्थ मंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में तीन लोग पृथकवास में हैं। इसी अस्पताल में लड़के का इलाज किया जा रहा था। मंत्री ने कहा, ‘‘ मंजेरी मेडिकल कॉलेज में उच्च जोखिम श्रेणी के चार लोग भर्ती हैं, जिनमें से एक व्यक्ति आईसीयू में है।'' उन्होंने कहा कि मरीजों के नमूनों की जांच रिपोर्ट आज आ जाएगी।
मंत्री ने बताया कि लड़का 11 मई को स्कूल गया था, लेकिन अभी तक लक्षण वाले मरीजों के ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। इससे पहले दिन में मंत्री ने बताया था कि लड़के के संपर्क में कुल 246 लोग आए थे, जिनमें से 63 उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं। जॉर्ज ने कहा, ‘‘ हम उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आए सभी लोगों की जांच करेंगे, लेकिन पहले उन लोगों की जांच की जाएगी, जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं। राज्य में प्रयोगशालाएं हैं और पुणे एनआईवी से एक मोबाइल प्रयोगशाला राज्य में आ रही है।'' स्वास्थ्य विभाग ने महामारी के केंद्र पांडिक्कड़ सहित दो पंचायतों में बुखार के मामलों की निगरानी करने का भी निर्णय लिया है और इसके अंतर्गत लगभग 33,000 घरों का सर्वेक्षण किया जाएगा।
मंत्री ने कहा, ‘‘ यह सर्वेक्षण स्वास्थ्य विभाग,LSGD और पशुपालन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।'' राज्य सरकार पृथकवास में रह रहे परिवारों की देखभाल करेगी तथा उनके लिए भोजन व दवाइयां खरीदने और उनकी सहायता के लिए स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है। निपाह संक्रमण की पुष्टि होने के बाद बच्चे को कल एक निजी अस्पताल से कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया था।
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