चार्जिंग की पर्याप्त सुविधा नहीं, थम गई बीएमटीसी की योजना
चार्जिंग सुविधाओं की कमी के कारण 90 मध्यम आकार की इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का बीएमटीसी का प्रयास थम सा गया है
बेंगलूरु. चार्जिंग सुविधाओं की कमी के कारण 90 मध्यम आकार की इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का बीएमटीसी का प्रयास थम सा गया है।
प्रारंभिक योजना के अनुसार, बेंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) को दिसंबर के अंत तक 90 इलेक्ट्रिक बसों के एक बड़े हिस्से को अपने बेड़े में शामिल कर लेना चाहिए था। निगम ने बेंगलूरु स्मार्ट सिटी लिमिटेड की फंडिंग से बसें खरीदीं।
अधिकारियों ने तीन डिपो - केंगेरी, केआर पुरम और यशवंतपुर - के जरिए इनके परिचालन में सहायता के लिए मार्गों की पहचान की थी। लेकिन वे केवल 30 बसें ही चला सके क्योंकि चार्जिंग सुविधा की कमी के कारण तैनाती में देरी हुई। केंगेरी डिपो में बसों को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यशवंतपुर में 30 चार्जिंग पॉइंट एक सप्ताह के भीतर तैयार हो जाएंगे, लेकिन केआर पुरम में दो सप्ताह से अधिक समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि बीएमटीसी को मार्च में सभी बसें चलाने की उम्मीद है
इलेक्ट्रिक बसों से बढ़ेगी आय
जबकि बीएमटीसी एक इलेक्ट्रिक बस पर 65 रुपए प्रति किलोमीटर खर्च करती है, जबकि डीजल वाहन पर 60 रुपए प्रति किलोमीटर खर्च करती है। यह जबकि आय 30 रुपये प्रति किलोमीटर है।
एक अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में डीजल बसों पर खर्च बढ़ेगा। एक बार इलेक्ट्रिक बसों में यात्री बढऩे पर यह फायदेमंद साबित होंगी।
रथ खींचने उमड़े श्रद्धालु
मंड्या. श्रीरंगपट्टण तहसील के करीघट्टा पहाड़ी पर स्थित प्राचीन वेंकटरमण स्वामी मंदिर का वार्षिक रत्थोत्सव निकाला गया। मंदिर में दर्शन करने महादेवपुरा, गंजाम, श्रीरंगपट्टण, बाबरणकोप्पलु, पालहल्ली, किरगुर, नगुणहल्ली, दौड्डपाल्या सहित आस-पास गांवों से बड़ी सं या में श्रद्धालु पहुंचे। सुबह 10 बजे गाजे-बाजे से रथयात्रा निकाली गई। मंदिर में दर्शन के बाद श्रद्धालुओं में रथ को खींचने की होड़ लगी।