कुमारस्वामी का दावा, मंत्री की बातचीत वाली पेन ड्राइव जारी करने से रोक रहे कर्नाटक कांग्रेस के नेता
बेंगलुरु (आईएएनएस)। पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने दावा किया है कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के नेता राज्य के एक मंत्री की बातचीत वाली पेन ड्राइव का विवरण जारी करने से रोक रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरी ओर से पेन ड्राइव विवरण जारी करने की कोई जल्दी नहीं है। कांग्रेस नेता उसे जारी करने से रोक रहे हैं।”
विधान सौध में पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने पदों के रेट कार्ड (रिश्वत) और पेन ड्राइव पर कहा, ''चिंता न करें, मैं और भी बहुत कुछ निकालकर लाऊंगा। कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग अपनी पार्टी छोड़ने के लिए विकेट गिरने का इंतजार कर रहा है।'' उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य पेन ड्राइव नहीं है।
कुमारस्वामी ने कहा था कि उन्हें एक पेन ड्राइव मिली है जिसमें पिछले सप्ताह सीएम सिद्दारमैया कैबिनेट के एक प्रमुख मंत्री द्वारा पोस्टिंग के लिए रिश्वत की बातचीत थी। उन्होंने कहा, “मैं भागने वाला नहीं हूं. हिट एंड रन का कोई सवाल ही नहीं है।
“उन्होंने (कांग्रेस मंत्रियों ने) ट्रांसफर माफिया के लिए अड्डे बनाए हैं। ट्रांसफर के लिए रेट कार्ड उनकी अपनी घोषणा की निरंतरता है।'' कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए कैश फॉर ट्रांसफर घोटाले को लेकर भाजपा के खिलाफ अभियान चला रखा था।
कुमारस्वामी ने कहा, “मैंने सदन के समक्ष वास्तविक तथ्य प्रस्तुत किये हैं। अगर उनमें हिम्मत है तो उन्हें कार्रवाई करने दीजिए। नवीनतम रेट कार्ड की जानकारी अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई है।”
कुमारस्वामी ने सवाल किया, “जब मैंने भ्रष्टाचार का गंभीर मुद्दा उठाया है, तो इस मुद्दे को जाति का रंग दिया जा रहा है। क्या भ्रष्टाचार की कोई जाति होती है?”
कुमारस्वामी ने बुधवार को कांग्रेस सरकार द्वारा कृषि विभाग में विभिन्न पदों के लिए रिश्वत की दर तय होने की बात कहते हुए इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने दावा किया कि कृषि विभाग के मुख्यालय में संयुक्त निदेशक पद के लिए एक करोड़ से डेढ़ करोड़ रुपये तय है। जिलों में संयुक्त निदेशक के लिए 15 लाख रुपये से 75 लाख रुपये; जिलों में उपनिदेशकों के लिए 10 से 30 लाख रुपये; सहायक निदेशक के लिए पांच से 15 लाख रुपये; रैथा संपर्क केंद्रों पर पोस्टिंग के लिए एक से दो लाख रुपये की दर तय है।
कुमारस्वामी के बयान से राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है और कांग्रेस में अंदरूनी कलह के भी संकेत मिल रहे हैं। यह कहकर कि कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग एक बड़े नेता के पतन का इंतजार कर रहा है, कुमारस्वामी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की प्रतिद्वंद्विता को सुर्खियों में ला दिया है।