New Delhi नई दिल्ली: कर्नाटक में वक्फ भूमि को लेकर विवाद के बीच राज्य सरकार के अधिकारी गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक की जांच कर रही संसदीय समिति के समक्ष पेश होंगे।
भाजपा सदस्य जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति गुरुवार से शुरू होने वाले दो दिनों की बैठकों में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और दिल्ली की सरकारों के प्रतिनिधियों के विचार सुनेगी।
दिल्ली के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन भी शुक्रवार को समिति को संबोधित करेंगे, जिसके बाद दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा साक्ष्य दर्ज किए जाएंगे।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार के अधिकारियों की गवाही भाजपा नेताओं के इस दावे पर विवाद के मद्देनजर हुई है कि राज्य में किसानों की 1500 एकड़ से अधिक भूमि वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा ली जा रही है।
पाल ने कर्नाटक का दौरा किया था और उन किसानों से बातचीत की थी, जिन्हें वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण के संबंध में राज्य सरकार से नोटिस मिले थे।
समिति ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर सच्चर समिति की रिपोर्ट के अनुसार उनके द्वारा अनधिकृत तरीके से कब्जाई गई वक्फ संपत्तियों का ब्यौरा मांगा था।
यूपीए सरकार ने भारत में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए 2005 में सच्चर समिति का गठन किया था।
लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने के तुरंत बाद 8 अगस्त को संसदीय पैनल का गठन किया गया था।
विपक्षी दलों ने मौजूदा वक्फ अधिनियम में विधेयक द्वारा प्रस्तावित संशोधनों की कड़ी आलोचना की है और आरोप लगाया है कि ये मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया है कि संशोधनों से वक्फ बोर्डों के कामकाज में पारदर्शिता आएगी और वे जवाबदेह बनेंगे।