कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव ने सोना तस्करी मामले में जमानत के लिए सत्र न्यायालय का रुख किया

बेंगलुरु: पिछले हफ्ते सोने की तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार की गई कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव ने जमानत के लिए बेंगलुरु में सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने यह कदम आर्थिक अपराधों की विशेष अदालत द्वारा उनकी जमानत खारिज करने के बाद उठाया। रान्या राव को जमानत देने से इनकार करते हुए आर्थिक अपराधों की विशेष अदालत ने कहा कि अभिनेत्री के खिलाफ आरोप गंभीर हैं। उन्हें 3 मार्च को राजस्व खुफिया निदेशालय ( डीआरआई ) ने बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईएडी) से दुबई से 14.8 किलोग्राम सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने डीआरआई के अतिरिक्त निदेशक अभिषेक चंद्र गुप्ता की शिकायत पर सोना तस्करी मामले में एफआईआर दर्ज की है । अभिषेक चंद्र गुप्ता की शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायत में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (जैसा कि 2014 में संशोधित किया गया) की धारा 7 और 12 तथा बीएनएस की धारा 61(2) के तहत संज्ञेय अपराधों का खुलासा किया गया है।
शिकायत के अनुसार, 3 मार्च को रान्या राव की गिरफ्तारी के बाद, 6 मार्च को मुंबई एयरपोर्ट से दो विदेशी नागरिकों को भी 18.92 करोड़ रुपये मूल्य के 21.28 किलोग्राम सोने की भारत में तस्करी करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। डीआरआई के अतिरिक्त निदेशक अभिषेक चंद्र गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि दुबई से यात्रा करने वाले यात्रियों और बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी करने की कोशिश करने वाले ये मामले समन्वित तस्करी सिंडिकेट के साथ "संभावित सांठगांठ" की ओर इशारा करते हैं, जो संभवतः दुबई (यूएई) से संचालित होते हैं। रान्या राव के मामले में , वह कई बार दुबई गई थी, जबकि गिरफ्तार किए गए दो विदेशी नागरिक पहले भी कई बार मुंबई एयरपोर्ट आ चुके हैं। गुप्ता ने अपनी शिकायत में लोक सेवकों और अन्य लोगों की संलिप्तता की संभावना पर भी संदेह जताया है। शिकायत में कहा गया है, "दुबई से यात्रा करने वाले यात्रियों से संबंधित उपरोक्त दो मामले, भारत में बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी का प्रयास और भारतीय तथा विदेशी नागरिकों की इन यात्राओं की उच्च आवृत्ति, समन्वित तस्करी सिंडिकेट के साथ संभावित सांठगांठ की ओर इशारा करते हैं, जो संभवतः दुबई (यूएई) से संचालित हो रहा है। इसके राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े परिणाम हो सकते हैं। इस तरह के समन्वित नेटवर्क के साथ भारत सरकार के अज्ञात लोक सेवकों और अज्ञात अन्य लोगों की संलिप्तता की संभावना की जांच की जानी चाहिए।" (एएनआई)