कर्नाटक में सरकार ने कहा- अपना धर्म बदला तो खैर नहीं, जाने पूरी खबर

कर्नाटक न्यूज़

Update: 2022-05-17 18:42 GMT
कर्नाटक में इस बिल को राज्य विधानसभा ने पिछले साल दिसंबर में पास किया गया था, लेकिन यह विधानपरिषद में लंबित है जहां सत्तारूढ़ भाजपा के पास बहुमत नहीं है.
कर्नाटक के गवर्नर थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी, जो कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार विधेयक-2021 को प्रभावी बनाता है. इसे धर्मांतरण-रोधी बिल के तौर पर भी जाना जाता है. इस बिल को राज्य विधानसभा ने पिछले साल दिसंबर में पास किया था, लेकिन यह विधानपरिषद में लंबित है जहां सत्तारूढ़ भाजपा के पास बहुमत नहीं है.
इस बुनियाद पर लाया गया अध्यादेश
गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कर्नाटक विधानसभा और विधानपरिषद का चूंकि सेशन नहीं चल रहा है और माननीय राज्यपाल इस बात से सहमत हैं कि ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं जो अध्यादेश जारी करने के लिए उन्हें फौरन कार्रवाई करने की जरूरत बताती हैं.
पांच साल तक की सजा और 25 हजार जुर्माना
ऑडिनैंस में कहा गया है कि कोई भी शख्स जो अपना मजहब बदलता है, उसके माता-पिता, भाई, बहन या कोई दूसरा श्ख्स जिनका उनसे खून का रिश्ता है, वैवाहिक संबंध है या किसी भी तौर पर संबद्ध हों, वे इस तरह के धर्मांतरण पर शिकायत दायर कर सकते हैं. कसूरवार को तीन साल की कैद की सजा हो सकती है जो बढ़ा कर पांच साल तक की जा सकती है और उसे 25,000 रुपये का जुर्माना भी भरना होगा.
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