हमर अपन बजट नहीं होकर सरकार कर मनमौजी बजट होई: बाबूलाल मरांडी

राज्य सरकार की ओर से आगामी बजट के लिए जनता से सुझाव मोबाइल ऐप के जरिए लिए जाने पर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी दल बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है

Update: 2021-12-04 06:48 GMT

जनता से रिश्ता। राज्य सरकार की ओर से आगामी बजट के लिए जनता से सुझाव मोबाइल ऐप के जरिए लिए जाने पर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी दल बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब गांव में राज्य सरकार कनेक्टिविटी ही नहीं पहुंचा पाई है तो यह 'हमर अपन बजट नहीं होकर सरकार कर मनमौजी बजट होई' हो जाएगा

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार के समय में मोबाइल कनेक्टिविटी का काम ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से हुआ था. मगर वर्तमान सरकार की उदासीनता के कारण पिछले 2 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी का काम ठप है. अब इन क्षेत्र के आदिवासी मूलवासी अपनी राय देने से वंचित हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य के 19 जिलों के 800 से अधिक गांवों में 4G सेवा बेहतर होने से डिजिटाइजेशन को भी अब केंद्र सरकार बढ़ावा देने जा रही है. जहां पर टेलीकॉम सेवाएं नहीं थी, वहां अब मोबाइल सेवा के लिए मोबाइल टावर लगाए जाएंगे. इससे कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी. लेकिन इसमें राज्य सरकार का कोई योगदान नहीं है.
कफन बांटने से लेकर खून बेचती है राज्य सरकार: बाबूलाल मरांडी
राज्य सरकार की ओर से खून की कीमत वसूलने के निर्णय लिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह सरकार आम आदमी द्वारा दान दिए गए खून का कीमत वसूलने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि यह सरकार आम लोगों को कफन बांटती है और खून का सौदा करती है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार हर चीज का सौदा करने में लगी हुई है और यहां के खान-खनिज को लुटवाने में लगे हुए है.
उन्होंने कहा कि इससे भी सत्ता में बैठे लोगों का मन नहीं भरा तो अब मरीजों से खून देने के नाम पर इसका कीमत वसूल रही है. जबकि देशभर में मरीजों को निशुल्क मुहैया कराया जाता है. लेकिन अब राज्य सरकार के लिए गए निर्णय के आलोक में सरकार मरीजों से खून की कीमत लेने में लगी है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल के साथ-साथ सत्ताधारी दल के विधायक भी मुखर होकर सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं.


उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी ने अपनी सरकार पर खून बेचकर खजाना भरने का आरोप तक लगा दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मंत्रियों की सुख सुविधा पर खर्च के लिए पैसे हैं. लेकिन खून को मुफ्त देने की सोच नहीं है. राज्य सरकार के इस जन विरोधी निर्णय का भाजपा पुरजोर विरोध करती है और इसे अविलंब वापस लेने की मांग करती है.


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