रांची में हिंसा: CID करेगी मामले की जांच, बाल आयोग ने भी लिया संज्ञान
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झारखंड के रांची में 10 जून को मेन रोड पर हुई हिंसा की जांच अब सीआईडी करेगी. इस मामले को लेकर लगभग 25 एफआईआर दर्ज की गई थीं. सीआईडी शहर के अंचल अधिकारी द्वारा डेली मार्केट थाने में दर्ज किए गए केस की जांच करेगी. इस केस में कहा गया था कि सुनियोजित तरीके से धार्मिक स्थलों को निशाना बनाते हुए उपद्रव फैलाया गया था. वहीं इस मामले का बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया है.
रांची में हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. उपद्रवियों ने सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान भी पहुंचाया था. कई राउंड फायरिंग भी की गई थी. डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देश पर आईजी मानवाधिकार अखिलेश झा ने सीआईडी जांच के आदेश जारी किए हैं. सीआईडी जल्द केस टेकओवर कर मामले की जांच शुरू करेगी. इसमें गवाहों के बयान घायल, पुलिसकर्मियों के बयान और तकनीकी साक्ष्य सहित अन्य आधार पर जांच रिपोर्ट सौपेंगी.
रांची में हिंसा के दौरान प्रोटेस्ट मार्च में कम उम्र के युवाओं के शामिल होने पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एनआईए जांच की अनुशंसा की है. हालांकि NIA जांच को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में भी एक जनहित याचिका RTI एक्टिविस्ट पंकज यादव ने दायर की थी. PIL पर सुनवाई चल रही है. रांची रेंज के DIG अनीश गुप्ता ने फोन पर 'आजतक' से बातचीत में कहा है कि रांची में हुई हिंसा की CID जांच की जाएगी. इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं.
बता दें कि पैगंबर मोहम्मद को लेकर नूपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद लोग सड़कों पर उतर आए थे. मेन रोड इलाके में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस निकालकर नूपुर शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी. पुतला भी जलाया था. इसके बाद देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसक हो गया था. रांची में विरोध प्रदर्शन उग्र होने के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और हवाई फायरिंग की. इस दौरान भीड़ ने भी जमकर पत्थरबाजी की थी. इस दौरान पत्थरबाजी में पुलिस के कई जवानों को चोट लगी थी.