जमशेदपुर न्यूज़: जिला प्रशासन की ओर से शहरी क्षेत्र में बहुत से लोगों को सर्वजन पेंशन नहीं देने के आरोपों और दावों की हवा निकल गई है. पूरे जिले में कराए गए सर्वे में करीब 11 हजार लोगों को चिह्नित किया गया, जिन्हें राज्य सरकार की सर्वजन पेंशन नहीं मिलती है. इनमें से करीब पांच हजार लोग सिर्फ जमशेदपुर शहरी क्षेत्र के हैं. परंतु पेंशन के लिए आवेदन कोई नहीं कर रहा.
कारण, उन्हें पता है कि एक पेंशन मिलते के कारण दूसरी पेंशन नहीं मिल सकती. इसके कारण वे सर्वजन पेंशन लेने के इच्छुक नहीं हैं. ऐसे अधिकांश लोग पीएफ पेंशन पा रहे हैं. सर्वजन पेंशन लेने की शर्त है कि आवेदक को कोई दूसरी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा हो. चूंकि पीएफ पेंशन मिल रही है और वह भी एक हजार से अधिक इसलिए कोई कम पेंशन के लिए अधिक का त्याग क्यों करेगा. इसके कारण मामला सर्वे पर आकर अटक गया है. ऐसे लोग आवेदन नहीं कर रहे.
यह प्रकरण बीते 31 जनवरी को मुख्यमंत्री की जमशेदपुर में हुई विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक से शुरू हुआ था. तब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मुद्दा उठाया था कि जमशेदपुर शहर के बहुत से लोगों को सर्वजन पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है. उनकी ओर से जिनके आवेदन जमा कराये गये हैं, उन्हें भी पेंशन नहीं दी जा रही है. तब उपायुक्त को निर्देश मिला था कि वे घर-घर सर्वे करवा कर देख लें कि कोई जरूरतमंद पेंशन के लाभ से वंचित नहीं रह जाए. इसके बाद ही फरवरी व मार्च में यह सर्वे करवाया गया था.
1,21,129 हजार को मिलती है हजार रुपये पेंशन
पूर्वी सिंहभूम के एक लाख 21 हजार 129 लोगों को वर्तमान में सर्वजन पेंशन मिल रही है. यह राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जो वृद्धावस्था पेंशन का विकल्प है. चूंकि वृद्धावस्था पेंशन केन्द्र की योजना है, जिसका कोटा तय है. इसलिए बचे लोगों को राहत देने के लिए यह योजना शुरू की गई है. इसकी पात्रता की शर्त इतनी है कि संबंधित व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष या अधिक हो और वह किसी दूसरी पेंशन योजना का लाभुक न हो.