राँची न्यूज़: झारखंड में संचालित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य उपकेंद्रों को बदलकर स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) बनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है. इसके लिए आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जाएगी.
दरअसल स्वास्थ्य विभाग राज्य की जनता को अपने आसपास में ही स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को स्वास्थ्य के सामूहिक सामुदायिक जिम्मेवारियों के प्रति गंभीर बना रहा है. इसके लिए हर सेंटर में स्थानीय प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा रहा है, ताकि स्थानीय लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से इसमें सुधार कर सकें. इसके तहत सेंटर में जन आरोग्य समिति (जेएएस) का गठन किया जा रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक ने राज्य के सभी उपायुक्त और सिविल सर्जन समेत संबंधित पदाधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया है.
प्रबंधन, प्रशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करेगी समिति अभियान निदेशक ने कहा है कि पीएचसी, सीएचसी स्तर के रोगी कल्याण समिति की तरह ही जन आरोग्य समिति का उद्देश्य एचएससी, पीएचसी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर प्रबंधन, प्रशासन एवं जवादेही सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत मंच प्रदान करना है. स्वास्थ्य कार्यक्रमों और सामुदायिक हस्तक्षेपों की सामुदायिक स्तर की गतिविधियों में स्वास्थ्य संवर्धन एवं सुविधाओं के निर्धारण की कार्यवाही मंह यह समिति मदद करेगी.
समिति शिकायत निवारण मंच की भी भूमिका निभाएगी समिति अपने क्षेत्र के विभिन्न आयुवर्ग के स्वास्थ्य जांच, फॉलोअप एवं उपचार में सहायता के साथ ही सामाजिक जवाबदेगी से संबंधित गतिविधियों के संचालन में सहायता कर सुविधाजनक बनाएगी. स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने वालों के लिए शिकायत निवारण मंच की भूमिका निभाएगी. सीएचओ एवं चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ समन्वयब नाकर केंद्रों के लिए दी जाने वाली अनटाईड फंड के प्रति भी जिम्मेवार होगी. स्वास्थ्य कार्ययोजना बनाने में भी सहयोग करेगी.
हर माह होगी बैठक: जन आरोग्य समिति की बैठक हर माह कम से कम एक बार होगी. इसमें 50 प्रतिशत उपस्थित अनिवार्य होगी. यह समिति स्थानीय आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के आधार पर सुविधाओं की उपलबधता के लिए चर्चा के बाद खर्च का निर्णय लेगी. आपातकालीन स्थिति में रेफरल और परिवहन के मामलों को छोड़कर अनटाईड फंड का उपयोग केवल सामान्य भलाई के लिए करेगी. बेसहारा महिला, गरीब एकल बुजुर्ग, निशक्त की तत्काल स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए असाधारण परिस्थिति में छोटी राशि का उपयोग किया जा सकता है. इस खर्च की पुष्टि अगली बैठक में की जाएगी.
हर सेंटर के जन आरोग्य समिति में 15-20 सदस्य होंगे. एचएससी जन आरोग्य समिति में स्थानीय मुखिया (रोटेशन)अध्यक्ष होंगे. जबकि, पीएचसी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में जिला पंचायत समिति के सदस्य अध्यक्ष होंगे. एचएससी जेएएस में संबंधित पीएचसी प्रभारी उपाध्यक्ष एवं सेंटर के सीएचओ सदस्य सचिव होंगे. जबकि, क्षेत्र के अन्य मुखिया, सहिया, वीएचएसएनसी के अध्यक्ष, महिला स्वयं सहायता समूह, सखी मंडल, स्कूल स्वास्थ्य राजदूत, सहकर्मी शिक्षक के अलावा अन्य विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. वहीं, पीएचसी एचडब्ल्यूसी में पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उपाध्यक्ष, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सदस्य सचिव के अलावा अन्य चिकित्सक, स्टाफ नर्स, महिला एवं बाल विकास सुपरवाइजर, क्षेत्र के सभी जेएएस अध्यक्ष, बीईईओ, नेहरू युवाकेंद्र के प्रखंड स्तरीय प्रतिनिधि, सिविल सोसायटी से दो सदस्यों के अलाव विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे.