चांडिल के शिवालय की बात ही निराली है, 31 किलो चांदी से बने है नर्देश्वर महादेव, दूर-दराज से आते हैं जलार्पण करने भक्त
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के शिवालयों की बात ही निराली है. यहां कहीं चार मुंह वाले शिवजी, कहीं गुफा के अंदर विराजमान तो कहीं चांदी से बने शिवलिंग सभी भक्तों के लिए दर्शनीय व पूजनीय हैं.
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के शिवालयों की बात ही निराली है. यहां कहीं चार मुंह वाले शिवजी, कहीं गुफा के अंदर विराजमान तो कहीं चांदी से बने शिवलिंग सभी भक्तों के लिए दर्शनीय व पूजनीय हैं. क्षेत्र के अंतिम छोर पर फदलोगोड़ा में टाटा-रांची एनएच-33 के किनारे वनदेवी काली मंदिर परिसर में स्थित है नर्देश्वर महादेव मंदिर. जहां पूरे सावन माह में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. सावन की सोमवारी पर अपने आराध्य देव के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों का रेला लगा रहता है. साथ ही चांदी के शिवलिंग पर जलार्पण करने के लिए यहां दूर-दराज से भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है. सावन के अलावा महाशिवरात्रि पर भी यहां भक्तों का रेला लगा रहता है. सावन माह की हर सोमवारी पर यहां भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक किया जाता है.