सीएम लीज आवंटन मामले में दो घंटे तक चली बहस, सोरेन को विधायकी से बीजेपी ने की बेदखल करने की मांग, अब अगली सुनवाई 12 को
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े लीज मामले में सोमवार को लगभग दो घंटे तक बहस हुई।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े लीज मामले में सोमवार को लगभग दो घंटे तक बहस हुई। इस मामले में भाजपा की ओर से वरीय अधिवक्ताओं ने आयोग के समक्ष कहा कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ खान मंत्री रहते हुये खुद अपने नाम रांची में पत्थर खनन लीज आवंटित कराया था। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
यह याचिका पूरी तरह से सुनवाई योग्य है और जनप्रतिनिधि कानून की धारा 9 (ए) इनपर लागू होती है। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री को विधायकी से बेदखल करने की मांग की गई। इसके जवाब में हेमंत सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि लीज आवंटित करने का मामला जनप्रतिनिधि कानून की धारा 9 (ए) के दायरे में नहीं आता है। इस आधार पर इस याचिका को खारिज कर देना चाहिए।
करीब दो घंटे चली बहस के बाद हेमंत सोरेन की ओर से आयोग से तीन हफ्ते का समय देने की मांग की गई। चुनाव आयोग में अब अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी। जानकारी के अनुसार सुनवाई के दौरान आयोग की ओर से कहा गया कि विधायक बसंत सोरेन से जुड़े मामले में 12 अगस्त को सुनवाई निर्धारित है। उसी दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामले में भी सुनवाई की तिथि निर्धारित की जा रही है।
ज्ञात है कि राज्यपाल से मुख्यमंत्री हेमंत और उनके दुमका से विधायक भाई बसंत के खिलाफ शिकायत करके भाजपा नेताओं ने आरपी एक्ट की धारा 9 ए के तहत विधायकी से बेदखल करने की मांग की है। भाजपा नेताओं ने सीएम सोरेन के नाम पत्थर खनन का लीज और बसंत पर खनन कंपनी में साझेदार होने का आरोप लगाया है। राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग से परामर्श मांगा है, जिसके लिये सुनवाई की प्रक्रिया जारी है।