उन नर्सों के भरोसे है रिम्स का सीटीवीएस विभाग…जिन्हें सिरिंज में दवा तक भरना तक नहीं आता

रिम्स में इलाज में कोताही आम बात है और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है मैन पावर की कमी. प्रबंधन को इसकी जानकारी है और अब तो सीटीवीएस विभाग के एचओडी भी नर्सों की कमी से त्रस्त हो चुके हैं.

Update: 2022-09-19 02:40 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रिम्स में इलाज में कोताही आम बात है और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है मैन पावर की कमी. प्रबंधन को इसकी जानकारी है और अब तो सीटीवीएस विभाग के एचओडी भी नर्सों की कमी से त्रस्त हो चुके हैं. इस बाबत उन्होंने जानकारी प्रबंधन को भी दी है. विभाग के एचओडी डॉ. विनीत महाजन ने पत्राचार भी किया है, लेकिन अब तक प्रबंधन की ओर से इस विषय पर कोई ठोस पहल नहीं की गई है. वहीं सीटीवीएस विभाग के एचओडी डॉ. विनीत महाजन ने कहा कि दो मरीज वेंटिलेटर पर हैं. एक मरीज गंभीर स्थिति में है, जबकि चार मरीज का ऑपरेशन हो चुका है, वैसे मरीज भी भर्ती हैं और इनकी देखभाल करने के लिए कोई ट्रेंड नर्स नहीं है. उन्होंने कहा कि सेकेंड ईयर जीएनएम स्टूडेंट को इवनिंग और नाइट शिफ्ट में ड्यूटी दी जा रही है. ऐसी नर्सों को सिरिंज में इंजेक्शन तक भरना नहीं आता है और उन्हीं के भरोसे विभाग के मरीज हैं. इस व्यवस्था से मरीजों के जान को भी खतरा है.

29 नर्सों की जरूरत, तीन सीनियर नर्सों के भरोसे है विभाग
सीटीवीएस विभाग के एचओडी डॉ. विनीत महाजन ने कहा कि 29 नर्सों की जरूरत है. इसकी मांग भी प्रबंधन से की गई है, लेकिन मात्र तीन सीनियर नर्सों के भरोसे विभाग है. सीनियर नर्सें कागजी काम में उलझी रहती हैं. वे मरीजों को छूना तक मुनासिब नहीं समझती हैं. सामान्य जांच (ब्लड प्रेशर, पल्स और टेम्परेचर) मापने तक के लिए नर्सों को मरीज ढूंढते रह जाते हैं. रिम्स निदेशक को लिखे गए पत्र में एचओडी डॉ. महाजन ने उल्लेख किया है कि कार्डियक आईसीयू के मरीजों को एनेस्थीसिया विभाग का सहयोग नहीं मिल रहा है. साथ ही प्रबंधन द्वारा कंज्यूमेबल की सप्लाई करने वाले वेंडर को समय पर पेमेंट का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिस वजह से वे सामान सप्लाई करने से इंकार कर रहे हैं.
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