रांचीः इन दिनों आपको अगर किसी भी तरह का सरकारी या गैर सरकारी काम कराना हो तो बिना घूस दिए कोई भी काम नहीं हो सकता. हर तरफ घूसखोरी हावी होता जा रहा है. अपनी सरकारी और निजी कामों के लिए लोग हमेशा सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते रहे है इस बीच कई बार लोग घूसघोर अधिकारियों की चपेट में भी आ जाते है जहां घूसखोर अधिकारी उनसे हजारों और लाखों रुपए के रिश्वत की मांग रखते है.
व्यवसायी ने इंस्पेक्टर पर लगाएं गंभीर आरोप
ऐसा ही एक मामला धनबाद जिले से सामने आया है. जहां गोविंदपुर इंस्पेक्टर ने जिले के व्यवसायी दीपक सांवरिया से लाखों रुपए की रिश्वत की मांग की है. हालांकि यह आरोप खुद व्यवसायी दीपक सांवरिया ने लगाया है. व्यवसायी दीपक सांवरिया ने गोविंदपुर इस्पेक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने उनसे 5 लाख रुपए की रिश्वत की मांगी की है.
भाई के साथ मिलकर पुलिस ने व्यवसायी को किया प्रताड़ित
दरअसल, व्यवसायी दीपक सांवरिया की अपने ही भाई से पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद हो गया था जिसके बाद मामले को लेकर पुलिस ने दीपक को थाने बुलाया था. जहां कागजतों की जांच की. भाई के साथ जमीनी विवाद में पुलिस ने उसके भाई का साथ देते हुए उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया. गोविंदपुर थाना पुलिस ने मामले में 8 जून को भाई का साथ देते हुए दीपक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली. उसी दिन व्यवसायी दीपक सांवरिया ने भी थाने में एफआईआर दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने उसदिन प्राथमिकी दर्ज ना कर उसके एक दिन बाद दीपक के आवेदन पर मामला दर्ज किया.
कहा- गिरफ्तारी से बचना है तो देने होंगे 5 लाख
मामले की पूरी जानकारी देते हुए व्यवसायी दीपक सांवरिया ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने के बाद इंस्पेक्टर के खास मोहम्मद सरताज ने गोविंदपुर के वेडलॉक होटल में बुलाकर उनसे मुलाकात की. जिसके बाद उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से बचना है तो 5 लाख रुपए देने होंगे अगर राशि नहीं दी गई तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज देगी. मोहम्मद सरताज से पूछे जाने पर कि किसे 5 लाख रुपए देने होंगे. इसपर जवाब देते हुए उसने बताया कि 5 लाख की राशि इंस्पेक्टर द्वारा मांगी गई है. हालांकि इसे लेकर सांवरिया ने उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की बात भी कही है.
दीपक पर लगाए गए सभी धाराएं बेबुनियाद- अधिवक्ता
इधर इस मामले को लेकर व्यवसायी दीपक सांवरिया के अधिवक्ता (धनबाद न्यायालय) ने पुलिस द्वारा लगाए गए धारा पर ही कई सवाल खड़े कर दिए है. अधिवक्ता जया कुमार ने कहा कि अदालत द्वारा इस मामले में उन्हें बेल दे दिया गया है. हालांकि मामले में दीपक सांवरिया पर पुलिस द्वारा जो भी धारा लगाए गए हैं, वे सभी बेबुनियाद है. ऐसा महसूस होता है जैसे दीपक सांवरिया को फंसाने के मकसद से पुलिस ने गंभीर और संवेदनशील धाराएं जान बुझकर लगाई है.