बदमाश पूरन चौधरी की दहशत जमशेदपुर के अलावा पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी
जमशेदपुर के सिदगोड़ा में 8 जून को हुए मनप्रीत हत्याकांड के आरोपी पूरन चौधरी की दहशत जमशेदपुर के अलावा पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी है.
जमशेदपुर : जमशेदपुर के सिदगोड़ा में 8 जून को हुए मनप्रीत हत्याकांड के आरोपी पूरन चौधरी की दहशत जमशेदपुर के अलावा पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी है. पूरन चौधरी पर जमशेदपुर के अलावा पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी केस दर्ज हैं. वह राजस्थान में हथियारों के तस्कर के तौर जाना जाता है. राजस्थान के जयपुर पश्चिम के मुरलीपुरा थाने में पूरन के खिलाफ इसी 8 अप्रैल को एक केस दर्ज हुआ है.
पूरन चौधरी के दुस्साहस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आसनसोल साउथ इलाके में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर थाने के ड्राइवर पर गोली चलाई थी. सिदगोड़ा के शिव सिंह बागान एरिया में पूरन चौधरी ने जिस तरह मनप्रीत का कत्ल किया था. उससे उसकी दहशत का अंदाजा लगाया जा सकता है. मनप्रीत को उसकी मां के सामने उसके घर में घुसकर मार डाला गया था. बताते हैं कि पूरन फरार रह कर भी शहर में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था. माना जा रहा है कि पूरन की गिरफ्तारी के बाद शहर में क्राइम का ग्राफ घटेगा.
22 महीने से पूरन के पीछे पड़ी थी पुलिस
पुलिस 22 महीने से पूरन सिंह के पीछे पड़ी थी. लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी. सिदगोड़ा थाना प्रभारी गुलाम रब्बानी खान ने सिदगोड़ा थाने की कमान संभाली तो एसएसपी ने उन पर पूरन चौधरी को गिरफ्तार करने को कहा. सिदगोड़ा थानाप्रभारी ने पूरन चौधरी को गिरफ्तार करने की ठानी और उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा. कहा जा रहा है कि पुलिस पूरन चौधरी का रिमांड भी लेगी. पुलिस को पूरन से अभी कई घटनाओं का हिसाब किताब लेना है.
20 साल की उम्र में जुर्म की दुनिया में रखा था कदम
जुर्म की दुनिया में पूरन चौधरी के कई नाम हैं. उसको सौरभ चौधरी और दीपक के नाम से भी जाना जाता है. कुख्यात बदमाश पूरन चौधरी ने महज 20 साल की उम्र में जुर्म की दुनिया में कदम रख दिया था. पूरन ने 13 नवंबर साल 2015 में पहला अपराध तब किया जब उसने अपने साथी बदमाश राजा सिंह के साथ मिलकर मोबाइल छिनताई की थी. इस मामले में पूरन गिरफ्तार हुआ था और उसे जेल की हवा खानी पड़ी थी. इसके बाद, पूरन ने गोलमुरी में अपना छोटा-मोटा गिरोह तैयार कर लिया और एक के बाद एक कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता चला गया. पूरन ने तीन जनवरी साल 2017 को गोलमुरी इलाके में ही अपने साथी बदमाश करण सिंह के साथ पड़ोसी की हत्या की कोशिश की. इस मामले में पूरन पर हत्या के प्रयास और लूटपाट करने का मामला दर्ज हुआ था. पूरन ने एक जून साल 2018 को एक घर में घुसकर चोरी की घटना को अंजाम दिया था. 4 नवंबर साल 2019 को पूरन चौधरी ने गोलमुरी में एक कारोबारी से रंगदारी मांगी थी और रंगदारी नहीं देने पर मारपीट कर उसके साथ लूटपाट की थी.
मनप्रीत हत्याकांड के बाद आया सुर्खियों में
लेकिन, पूरन चौधरी तब जुर्म की दुनिया में सुर्खियों में आया जब उसने सिदगोड़ा में 8 जून साल 2022 को मनप्रीत की हत्या कर दी थी. इसके पहले पूरन ने चार नवंबर 2019 एमजीएम थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे पर अपने बदमाशों के साथ मुर्गा गाड़ी से लूट पाट की थी. इस मामले में उस पर लूट का केस दर्ज हुआ था.
बिल्डर से मांगी थी 50 लाख रुपए की रंगदारी
21 नवंबर साल 2023 को उसने एमजीएम थाना क्षेत्र के एक ट्रांसपोर्टर और बिल्डर श्याम सिंह से 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी. रंगदारी मांगने में पूरन सिंह ने अपनी पत्नी के मोबाइल का इस्तेमाल किया था. 13 नवंबर साल 2021 को पूरन सिंह सोनारी में चेकिंग के दौरान अवैध हथियार और गोली के साथ गिरफ्तार होकर जेल भी गया था. बाद में जमानत पर छूटने के बाद उसने आसनसोल में पुलिस जीप के ड्राइवर पर हमले की घटना को अंजाम दिया था. राजस्थान के जयपुर पश्चिम के मुरली पुर थाने में भी उसके खिलाफ केस दर्ज है. यहां भी वह हथियार के साथ पकड़ा गया था. 8 अप्रैल को सिदगोड़ा थाने में उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट का मामला भी दर्ज हुआ था.