कांग्रेस–राजद के बिहार और झारखंड में अब तक गठबंधन की गांठ के उलझन का सार
बिहार में 2024 में इंडिया गठबन्धन का भविष्य 2009 जैसा तो नहीं होने जा रहा! इंडिया गठबन्धन में दूरी इतनी बढ़ गयी है कि, गठबन्धन टूटने की कगार पर आ गया है.
रांची : बिहार में 2024 में इंडिया गठबन्धन का भविष्य 2009 जैसा तो नहीं होने जा रहा! इंडिया गठबन्धन में दूरी इतनी बढ़ गयी है कि, गठबन्धन टूटने की कगार पर आ गया है. अगर सोनिया-लालू के स्तर पर बात नहीं हुई तो फिलहाल दोनों दलों के बातचीत कर रहे नेताओं ने अपने अपने आलाकमान को कह दिया कि हम इससे ज़्यादा नहीं झुक सकते, अकेले-अकेले लड़िये.. तनाव बहुत बढ़ गया है. क्योंकि, लालू की धमकी के बाद खरगे अल्टीमेटम दे चुके हैं. बस, कोई म्यान से तलवार नहीं निकाल रहा, लेकिन दोनो राज्यों में युद्ध के लिए तैयार बता रहा है.
लालू ने झारखंड में चतरा, पलामू चाहता है जबकि गठाबंदन से कोई बात नही हुईं है. वही बिहार में कटिहार सीट तारिक़ अनवर ने लिए देने पर हामी भर दी है. कांग्रेस ने 10 सीटें नहीं मिलने पर बात करना बंद किया था, 6 की बात करने वाली आरजेडी ने 8 का ऑफर दे दिया है, 9 मिलने पर कांग्रेस मान जाएगी.
लालू पूर्णिया की बजाय पप्पू यादव को मधेपुरा देना चाहते हैं जबकि, कांग्रेस और पप्पू पूर्णिया चाहते हैं. मीरा कुमार के लिए सासाराम-सुरक्षित छोड़ने को लालू तैयार है लेकिन मीरा ने लड़ने से मना किया, वो अपने ओबीसी समुदाय से आने वाले बेटे अंशुल को काराकाट से लड़ाना चाहती हैं. लेकिन लालू ने इनको कुशवाहा समाज के नाम पर पटना से लड़ने का ऑफर दिया है.
औरंगाबाद सीट लालू ओबीसी को देने का मन बनाये हैं, निखिल कुमार को नहीं देना चाहते. भागलपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अजीत शर्मा अपनी हीरोइन बेटी नेहा शर्मा के लिए कांग्रेस और लालू पर दबाव बनाये हैं.
ऐसे में बिहार में गठबन्धन बॉर्डर लाइन पर खींचतान चल रही है. सोनिया- लालू या राहुल तेजस्वी ने दखल नहीं दिया तो टूटने की तरफ बढ़ रहा है.