झारखंड में 13.5 लाख घरों में लगेंगे स्मार्ट मीटर, बिजली बिल के झंझट के मिलेगी मुक्ति

राज्य के 13.50 लाख शहरी और ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं के घर प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाने और बड़े स्तर पर बिजली के तारों को केबल में तब्दील करने का प्रस्ताव पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ने मंजूर कर दिया है।

Update: 2022-07-08 02:01 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य के 13.50 लाख शहरी और ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं के घर प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाने और बड़े स्तर पर बिजली के तारों को केबल में तब्दील करने का प्रस्ताव पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) ने मंजूर कर दिया है। सूबे में बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए 4120.29 करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता साफ हो गया है। इसमें 2087 करोड़ केंद्र देगा।

प्री-पेड स्मार्ट मीटर से बिलिंग, चोरी रोकने के लिये ट्रांसफार्मरों पर मीटर, एबी स्विच और अंडर ग्राउंड केबलिंग के साथ वितरण कंपनियों का घाटा कम करने के लिये इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के उद्देश्य से केंद्र ने योजना लांच की थी। इसी साल जनवरी में रिवैंप्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) लॉन्च की। इस स्कीम के तहत झारखंड ने बीते मार्च में जेबीवीएनएल ने करीब 9600 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन पीएफसी ने लगभग आधी राशि का प्रस्ताव मंजूर किया है।
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने कहा, 'उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली मुहैया कराने के लिये लगातार सुधार किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब केंद्र की योजना के तहत काम किये जाएंगे।'
घाटा कम करना होगा
जेबीवीएनएल को अपना घाटा 41 प्रतिशत से घटाकर 2025 तक 19 फीसदी पर लाना होगा। पीएफसी के कार्यकारी निदेशक ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार को पत्र लिखकर प्रस्ताव और इसकी शर्तों से अवगत कराया है।
प्री-पेड मीटर योजना भी
रांची में 3.65 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद जमशेदपुर और धनबाद में भी प्री-पेड मीटर लगाने की अलग योजना चल रही है। अब नये प्रस्ताव के तहत राज्य के सभी जिलों में प्री-पेड मीटर लगाये जा सकेंगे।
प्री-पेड मीटर के फायदे
बिलिंग आसान: बिल का झंझट खत्म होगा। मोबाइल की तरह रिचार्ज करके बिजली का उपयोग। अलार्म बजेगा।
ऊर्जा संरक्षण: ससमय बिजली खपत की जानकारी। उपकरणों का उपयोग कम कर ऊर्जा और पैसे की बचत की जा सकेगी।
स्थिति सुधरेगी: जेबीवीएनएल की वित्तीय स्थिति सुधरेगी। पूर्व भुगतान के बाद ही बिजली खपत की सकेगी। बकाया का झंझट नहीं रहेगा।
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