आंकड़ों से समझिए झारखंड में टीके की रफ्तार
आंकड़ों पर गौर करे तो राज्य में 12 से 14 साल के टीके के लिए योग्य आबादी 15,94,000 है. फर्स्ट डोज के लिए लोगों ने थोड़ी जागरूकता दिखाई. 10,21,974(64%) लोगों ने टीका लिया, लेकिन जैसे ही बात सेकेंड डोज की बारी आयी तो लोगों ने टीके में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. परिणामस्वरूप राज्यभर में 5,39,097(34%) लोगों ने सेकेंड डोज लगवाया है. वहीं रांची में इस आयु सीमा के 1,40,818 बच्चे हैं. इनमें 70,867(50%) ने फर्स्ट डोज और 35015 (25%) ने सेकेंड डोज लिया है.
12 से 14 साल के टीकाकरण में लोहरदगा फिसड्डी
वहीं स्वास्थ विभाग के आंकड़े के मुताबिक लोहरदगा में टीका लेने वाले योग्य लोगों की संख्या 22,314 है. इनमें 10,547(47%) ने फर्स्ट डोज लिया है, जबकि 4,464(20%) ने सेकेंड डोज लिया. वहीं चतरा में सेकेंड डोज लेने वाले लोगों की संख्या मात्र 8,842(18%) है. धनबाद में भी सेकेंड डोज का आंकड़ा 23,111(18%) है.
15 से17 साल के आयु वर्ग में जामताड़ा फिसड्डी
15 से 17 साल के आयु सीमा के राज्य में 23,98,000 लोग हैं, जिन्हें टीका लगाना है. इनमें 1,53,5914(64%) लोगों को फर्स्ट डोज लगायी गयी है, जबकि 976609(41%) लोगों को सेकेंड डोज लगायी गयी है। सबसे कम जामताड़ा में 26,127(45%) को फर्स्ट डोज, जबकि 15,326(27%) को सेकेंड डोज लगायी गयी है. रांची में 2,11,845 लोगों में 1,33,778(63%) को फर्स्ट डोज और 77,346(37%) को सेकेंड डोज लगायी गयी है.
9 लाख डोज भेजा गया उत्तर प्रदेश
वहीं टीकाकरण में उदासीनता को देखते हुए केंद्र सरकार ने झारखंड को आवंटित टीके की खेप (इंटर स्टेट ट्रांसफर) के तहत वाराणसी और लखनऊ भेज दिया. जानकारी के अनुसार 7 लाख डोज वाराणसी और 2 लाख डोज लखनऊ भेजी गई है.
जागरूकता की कमी और उदासीनता मुख्य वजह
टीकाकरण की धीमी रफ्तार को लेकर लोगों में जागरुकता की कमी है.रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने कहा कि लोगों में टीके को लेकर उदासीनता है. खासकर 12 से 14 साल के आयु वर्ग के टीकाकरण में यह देखने को मिल रहा है. स्कूल के शिक्षकों का सहयोग नहीं मिल रहा है. दिनभर एएनएम के बैठने के बाद भी मात्र चार-पांच लोग ही टीका ले रहे हैं. विभाग के स्तर से बीईओ से संपर्क कर रफ्तार बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर भी टीम बनाकर माइक्रोप्लानिंग के तहत टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.a