माँ की ममता और इंसानियत दोनों शर्मसार! खेत में लावारिस हालत में मिली नवजात बच्ची
दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखण्ड के ककनी गांव के एक खेत में शनिवार की सुबह तीन दिन की एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में पायी गयी
Ranchi : दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखण्ड के ककनी गांव के एक खेत में शनिवार की सुबह तीन दिन की एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में पायी गयी, जिससे माँ की ममता और इंसानियत दोनों शर्मसार हो गई. शनिवार की सुबह जैसे ही नवजात शिशु के देखे जाने की खबर फैली, उसे देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.
ऐसा था घटनाक्रम
गांव की कई महिलाओं ने बच्चे को गोद में लेकर प्यार दुलार किया. गांव की महिलाएं उस निर्दयी मां को कोसती दिखीं, जिसने जन्म के साथ ही उस अनाथ को खेत में फेंक दिया था. पास में रहनेवाली रीना देवी ने बच्चे को गोद में उठाया और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गयी.
सूचना मिलने पर सरैयाहाट थाना के एएसआई बाबूधन टुडू ने नवजात बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया. समिति के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी, रंजन कुमार सिन्हा और महिला सदस्य नूतन बाला ने इस मामले की सुनवायी करते हुए, रीना देवी का बयान दर्ज किया.
रीना देवी ने अपने बयान में बताया कि वह निःसंतान है. शनिवार की सुबह नौ बजे जब शोर सुनकर वह घर से निकली तो देखा कि पास के खेत में लोगों की भीड़ लगी है. नजदीक जाकर देखा तो खेत की आर पर एक बच्ची लावारिस अवस्था में पड़ी थी. उसने बच्ची को गोद में उठा लिया.
सरैयाहाट सीएचसी ले जाया गया बच्ची को
वह बच्ची को लेकर सरैयाहाट सीएचसी गयी, जहां बच्ची को स्नान करवाया गया और साफ किया गया. वहां बच्ची को टीका भी दिया गया और पोलियो की दवा पिलायी गयी. अस्पताल से बच्ची के लिए दूध, बोतल और दो गमछा भी दिया गया. सरैयाहाट थाना से पुलिस अस्पताल पहुंची और बच्ची के साथ उसे लेकर सीडब्ल्यूसी आयी. समिति ने नवजात बच्ची को सीएनसीपी (चिल्ड्रेन इन नीड ऑफ केयर एंड प्रोटेक्सन) घोषित करते हुए , उसे स्पेशलाइज्ड एडोप्शन एजेंसी (एसएए) को सौंप दिया.
60 दिन तक होती है,माता पिता की खोज
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चन्द्र ने बताया कि शिशु के जैविक माता-पिता की खोज 60 दिनों तक कराई जाएगी और निर्धारित समय सीमा के अंदर यदि शिशु के अभिभावक सामने नहीं आते हैं ,तो बच्ची को एडोप्शन के लिए बाल कल्याण समिति के द्वारा "लीगली फ्री "घोषित कर दी जाएगी. उसे के बाद शिशु को कारा के गाइडलाईन के अनुसार कारा में पूर्व से निबंधित (www.cara.nic.in )व्यक्ति / दंपती को गोद दे दिया जाएगा.