संजय प्रसाद : नई शिक्षा नीति लागू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है
नयी शिक्षा नीति में बदलाव किये गये हैं. शिक्षाविद मंथन कर रहे हैं. शिक्षाविद विचार रख रहे हैं
Garhwa: नयी शिक्षा नीति में बदलाव किये गये हैं. शिक्षाविद मंथन कर रहे हैं. शिक्षाविद विचार रख रहे हैं. इस पर गढ़वा के शिक्षाविद संजय प्रसाद ने अपने विचार रखे हैं. उनका कहना है कि नीति आयी है, तो शर्तिया कोई न कोई लाभ विद्यार्थियों को होगा. नीति जमीन पर उतरेगी तो फर्क दिखेगा. आखिर सात सालों की सत्ता और सत्तर साल विपक्ष में रहते हुए, कोई भी इस काम को बिना मोटिव या फायदे के नहीं किया होगा.
यह उनकी तासीर में नहीं है. सोच में नहीं है. भारत के नये युग में नये माइंड, जनकल्याण का सोच पनप सकता है. सिर्फ उसका अभिनय कर सकता है और करता आ रहा है. खामियों से भरी योजना आयोग खत्म हुई, तो ऑर्गनाइज्ड थिंकिंग की रीढ़ भी खत्म होगी. इम्पलीमेंटेशन के दौरान नये-नये प्रयोग से भारतीय जनता को फायदा और नुकसान लागू कराने के बाद पता चल पाएगा.
नई शिक्षा नीति को लागू करने में सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है. सबसे प्रमुख समस्याओं में शामिल है. पाठ्यक्रम किस प्रकार बदला जाएगा? क्या नया पाठ्यक्रम 21वीं सदी में ज्ञान कौशल मुहैया कराने में सक्षम होगा. शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का क्या फार्मूला होगा? ऐसी कई सवाल हैं, जिसका जवाब बाद में मिलेगे.