जल्द जारी होगा रिजल्ट, जेपीएससी ने मांगी हाईकोर्ट से अनुमति, दाखिल किया शपथपत्र

सातवीं से दसवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित रिजल्ट जारी किया जाएगा।

Update: 2022-02-12 05:10 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सातवीं से दसवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित रिजल्ट जारी किया जाएगा। जेपीएससी ने संशोधित रिजल्ट जारी करने के लिए हाईकोर्ट से अनुमित मांगी है और इस आशय का शपथपत्र भी दाखिल किया है। हाईकोर्ट में इस मामले पर 15 फरवरी को सुनवाई होगी। प्रारंभिक परीक्षा के पूर्व में जारी रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी।

अदालत से परिणाम रद्द कर संशोधित रिजल्ट जारी करने और मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जेपीएससी से जवाब मांगा था। 25 जनवरी को जेपीएससी ने शपथपत्र दाखिल कर पीटी रिजल्ट में गड़बड़ी की बात स्वीकार की थी और तीन सप्ताह में संशोधित रिजल्ट निकालने की बात कही थी। आायोग ने 28 जनवरी से होने वाली मुख्य परीक्षा भी स्थगित कर दी थी। इसके बाद अदालत ने 15 फरवरी को सुनवाई निर्धारित की थी।
क्या है मामला
सातवीं से दसवीं तक के प्रारंभिक रिजल्ट को कुमार संयम ने चुनौती दी है। उन्होंने याचिका में कहा है कि सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है, जो गलत है। प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने की जानकारी परीक्षा के लिए प्रकाशित विज्ञापन में नहीं थी। सरकार ने प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने की नीति नहीं बनायी है जिसके अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया जा सके। उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिए जाने का दावा करते हुए कहा कि सामान्य श्रेणी की 114 सीटें थीं।
नियमानुसार 15 गुना परिणाम जारी होने चाहिए। ऐसे में सामान्य श्रेणी के 1710 अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए। लेकिन सिर्फ 768 उम्मीदवारों का ही चयन किया गया। इससे स्पष्ट है कि पीटी रिजल्ट में आरक्षण दिया गया है। प्रार्थी ने अपनी याचिका में वर्ष 2012 के हाईकोर्ट के खंडपीठ के उन आदेशों का हवाला भी दिया है। प्रार्थी ने कहा है कि गुलाम सादिक के मामले में 16 जून 2021 को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि झारखंड सरकार के अनुसार जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने की कोई नीति नहीं है।
वहीं, वर्ष 2015 में लक्ष्मण टोप्पो के मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि प्रारंभिक परीक्षा में झारखंड सरकार की नीति आरक्षण देने की नहीं है। कोर्ट आरक्षण देने का आदेश नहीं दे सकता। याचिका में कहा गया है कि सामान्य श्रेणी में 114 सीट थी। इसके पंद्रह गुना (1710) परिणाम जारी होना चाहिए, लेकिन मात्र 768 का ही चयन किया गया है। इससे प्रतीत होता है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है।
हाईकोर्ट ने मांगी थी कई जानकारी
इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पूर्व में कई जानकारी मांगी थी। अदालत ने जेपीएससी और सरकार से आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। यह बताने को कहा था कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया गया है या नहीं। सातवीं जेपीएससी में कोटिवार कितनी सीटें थीं। आरक्षित श्रेणी के कितने और सामन्य श्रेणी के कितने अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। इस पर आयोग ने शपथपत्र दाखिल कर स्वीकार किया था कि रिजल्ट जारी करने में गड़बड़ी हुई है। संशोधित रिजल्ट जारी किया जाएगा।
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