Ranchi: 10 केंद्रों पर जन शिकायत निवारण कार्यक्रम का आयोजन किया गया
आइजी ने थाना प्रभारी की लगाई क्लास
रांची: डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर मंगलवार को रांची जिले के 10 केंद्रों पर जन शिकायत निवारण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य कार्यक्रम कांके रोड स्थित रांची पुलिस लाइन में आयोजित किया गया. यहां पुलिस मुख्यालय के अलावा आईजी मनोज कौशिक, डीसी राहुल कुमार सिन्हा, एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान सभी केंद्रों पर कुल 824 फरियादी पहुंचे। फरियादियों की शिकायत सुनने के बाद 35 शिकायतों पर तत्काल केस दर्ज करने का आदेश दिया गया. पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में सर्वाधिक 294 फरियादी पहुंचे। जिन 17 शिकायतकर्ताओं ने केस दर्ज नहीं कराया था, उनके अनुरोध पर उन्हें तुरंत केस दर्ज करने का आदेश दिया गया. ज़्यादातर लोग पारिवारिक झगड़ों और ज़मीनी विवादों के कारण यहाँ आए थे। इसके अलावा नगर निगम, बिजली विभाग, श्रम विभाग और चेक बाउंस से संबंधित मामले भी आए। अन्य विभागों से संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई के लिए आवेदन को संबंधित विभाग को भेज दिया गया है.
पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में रशीदा खातून भी शामिल हुईं। उन्होंने आईजी को बताया कि 2022 में उनका तलाक का मामला कोर्ट में विचाराधीन है. दो माह पहले उसके पति व अन्य ने कोर्ट में उसके साथ मारपीट की थी. उन्होंने दो महीने पहले मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए कोतवाली थाने में आवेदन दिया था, लेकिन वहां से लौटा दिया गया। इस पर आईजी ने कोतवाली थाना प्रभारी को फटकार लगाई. साथ ही थाना प्रभारी को यह भी बताया कि अगर ऐसी शिकायत मिली तो थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया जाएगा और उन्हें जिला कमांडर भी बना दिया जाएगा. आईजी के इस फैसले से मंच तालियों से गूंज उठा.
पुलिस ने घर से जब्त किया 15 लाख का सामान, अब कोर्ट में कागजात भेजने के लिए मांगी जा रही है 1 लाख की रिश्वत: रतौना के काठीटांड़ निवासी बबीता देवी ने बताया कि 26 मई 2024 को उनके पति पर मारपीट व फायरिंग का झूठा मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया. जबकि मेरे पति निर्दोष हैं. चंदन प्रजापति और उसके भाई ने उसे फंसाने के लिए इलाके के लोगों को एकजुट किया और अखिलेश वर्मा पर मारपीट और फायरिंग का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया. उस वक्त पुलिस ने घर बनाने के लिए रखे 15 लाख रुपये जब्त कर लिये थे. कोर्ट ने पुलिस से इस पैसे को रिलीज करने के लिए रिपोर्ट मांगी है. लेकिन पुलिस रिपोर्ट भेजने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रही है. महिला के मुताबिक, उन्होंने इस मामले में रिश्वत लेते हुए इंस्पेक्टर सत्येन्द्र कुमार सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार कर एसीबी के हाथों जेल भेज दिया था. आईजी ने ग्रामीण एसपी को मामले की जांच का निर्देश दिया है.