Ranchi : अब प्रशासन की रांची के मिलावटखोरों पर कड़ी नजर, पकड़े गए तो सलाखों के पीछे होंगे

Update: 2024-06-11 06:30 GMT

रांची Ranchi : अगर आपकी आदत है बाहर सड़कों के किनारे ठेला-खोमचों पर या अन्य प्रतिष्ठानों पर बिक रहे चटपटी खाद्य पदार्थों को खाने की तो जरा सावधान हो जाए. क्योंकि मार्केट में आजकल मिलावटी सामानें बिकने लगी है जिसे खाने के बाद लोग अक्सर फूड प्वॉइजनिंग Food poisoning और पेट दर्द जैसी शिकायत करते हैं. लेकिन अब इन सब चीजों को लेकर प्रशासन अब सतर्क हो गया है. दरअसल, राजधानी रांची में मिलाटवी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए अगले हफ्ते से विशेष अभियान चलाया जाएगा. ताकि लोगों को मिलाटवी खाद्य पदार्थों को खाने से बजाया जा सकें.

मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री के खिलाफ प्रशासन की तरफ से यह अभियान शहरी इलाकों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कार्रवाई किया जाएगा. क्योंकि पिछले कई समय से मिलावटी सामान के कारोबार की लगातार शिकायत ग्रामीण इलाकों में मिल रही है. खाद्य पदार्थों को खाने के बाद हमेशा भारी संख्या में लोगों की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलती रही हैं ऐसे में लगातार शिकायतों के बाद अब जिला प्रशासन ने इस तरह के अभियान को शहरी इलाकों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलाने का निर्णय लिया है इसे लेकर कार्य योजना भी तैयार कर ली गई है.
आपको बता दें, शहरी इलाकों में इस तरह का अभियान लगातार चलाया जाता है लेकिन प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से जांच के लिए नहीं पहुंच पाती है ऐसे में प्रशासन का पूरा फोकस अब ग्रामीणों क्षेत्रों में है. अभियान चलाने के लिए प्रखंडवार टीम का गठन किया जाएगा. और सूचना के आधार पर टीम छापेमारी के लिए मौके पर पहुंचेगी और खाद्य पदार्थों और सामग्री के नमूने को जांच के लिए इकट्ठा करेगी. जांच और निगरानी के साथ ही टीम लोगों को जागरूक करने का काम भी करेगी.
कुछ भी खाद्य सामान खरीदने के बाद जरूर लें रसीद- प्रशासन
प्रशासन के मुताबिक, जब कभी कोई कुछ सामान खरीदते हैं तो वे वहां से रसीद नहीं लेते है लेकिन उन्हें रसीद लेना आवश्यक है. प्रशासन ने इसे लेकर लोगों से अपील की है कि वे सामान खरीदने के बाद रसीद जरूर लें. ग्रामीण क्षेत्रों में होटल संचालन करने वाले, जिनसे आप दूध, पनीर आदि खरीदकर ले रहे हैं सभी से रसीद लें. शिकायत के मुताबिक, गर्मी में दूध और पनीर की मांग काफी बढ़ी हैं और ऐसे में लोगों की मांग को पूरी करने और उत्पादन में कमी को दूर करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कारोबारियों द्वारा मिलावट का सहारा लिया जाता है.
इस वजह से अभियान शुरू कर रहा प्रशासन
इस बार राज्य में कई हिस्सों से फूड प्वॉइजनिंग की घटनाएं सामने आई है.
शहरी इलाकों में कई प्रतिष्ठान नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.
खुले जगहों पर बिकने वाली मिष्ठानों और अन्य खाद्य पदार्थों को बिना एक्सपायरी तारीख अंकित किए बेचने का काम किया जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों, होटलों, ढाबे और अन्य प्रतिष्ठानों में बिक रहे दूध-पनीर की गुणवत्ता में मिलावट की शिकायत मिली है.
प्रशासन की कार्रवाई से होगा ये लाभ
अपने इस अभियान के तहत अगर प्रशासन मिलावटी पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करता है और सबूत पाता है तो ऐसे में उनपर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी. जिसमें आरोपी को 6 महीने की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा.
प्रतिष्ठानों और दुकानों में बिक रहे खाद्य पदार्थों के सैंपल की जांच के बाद अगर उसमें मिलावट Adulteration मिलती है तो बेचने वाले के खिलाफ केस दर्ज होगी और उसपर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी. और जिला स्तर की कमेटी इस पर निर्णय लेते हुए आगे की सभी प्रक्रिया पूरी करने में जुटेगी.


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